इंदौर। नगर निगम और प्राधिकरण द्वारा आरई-2 का निर्माण किया जा रहा है। लगभग साढ़े 4 किलोमीटर लम्बाई के आरई-2 के एक हिस्से को प्राधिकरण ने लगभग बना दिया है। मगर निगम वाले हिस्से में लगभग 600 बाधक मकान तो थे ही, वहीं अन्य जमीन मालिकों को भी आपत्तियां रही, जिसके चलते हाईकोर्ट में भी कई याचिकाएं लगाई गई। लिहाजा कल अलाइनमेंट का भौतिक सत्यापन करवाया जा रहा है, जिसके लिए जमीन मालिकों को भी मय दस्तावेजों के मौके पर मौजूद रहने को कहा गया है। भूरी टेकरी से नेमावर रोड होते हुए नायतामूंडला तक आरई-2 का निर्माण किया जाना है।
भूरी टेकरी के आसपास लगभग 800 परिवार बाधक थे, जिसमें से 600 परिवार तो झुग्गी झोपड़ी और ट्रांजिट शेल्टर यानी पतरे के मकान में रह रहे थे। इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों में शिफ्ट किया गया है। कुछ ही मकान बचे हैं। 42 करोड़ रुपए से अधिक की राशि इस सडक़ निर्माण पर खर्च होना थी, जिसमें से पहले चरण में 24 मीटर तक सीमेंट कांक्रीट की सडक़ बनाई जा रही है। योजना 140 में लगभग 700 मीटर का हिस्सा इंदौर विकास प्राधिकरण ने बना दिया है। वहीं भिचौली से कनाडिय़ा के बीच 1.7 किलोमीटर का हिस्सा भी प्राधिकरण द्वारा बनाया जा रहा है। बचे हुए मकानों को भी निगम हटा रहा है। साथ ही पिछले दिनों रोड अलाइनमेंट को लेकर भी कई तरह के आरोप लगे और हाईकोर्ट में भी कई याचिकाएं दायर की गई हैं। लिहाजा नगर निगम ने सार्वजनिक सूचना के माध्यम से इन याचिकाओं का उल्लेख करते हुए हाईकोर्ट द्वारा ही दिए गए निर्देश के परिपालन में कल आरई-2 के अलाइनमेंट का भौतिक सत्यापन करवाना तय किया है। संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश या उनके द्वारा अधिकृत किए गए अधिकारी की मौजूदगी में यह भौतिक सत्यापन होगा, जिसमें नगर निगम के भवन अधिकारी व इंजीनियर मौके पर मौजूद रहेंगे। कल मंगलवार को 11 बजे से भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके चलते निगम ने याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ उन सभी जमीन मालिकों को भी बुलाया है जिनकी रोड अलाइनमेंट के संबंध में आपत्ति है। वे जमीन मालिक अपने दस्तावेजों के साथ मौके पर मौजूद रहें। वहीं निगम आरडब्ल्यू-1 और एमआर-5 के निर्माण में भी जुटा है।
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