मनीला: भारत (India) से ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos missile) हासिल करने के बाद अब फिलीपींस (Philippines) चीन (China) से आर-पार करने के मूड में आ गया है। चीनी आक्रामकता का जवाब देने के लिए फिलीपींस ने विवादित दक्षिणी चीन सागर (South China Sea) के सामने एक नौसैनिक अड्डे पर ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल बेस तैयार किया है। नेवल न्यूज ने एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। इसमें इलाके की सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर ये दावा किया गया है कि फिलीपींस के पश्चिमी लूजॉन के तट पर जाम्बलेस में नौसैनिक अड्डे लियोविगिल्डो गेंटियोकी में ब्रह्मेस साइट का निर्माण कर रहा है। यहां से फिलीपींस विवादित स्कारबोरो शोल के आगे तक निशाना लगा जा सकता है।
भारतीय ब्रह्मोस ठिकानों से छोटा
हालिया सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि फिलीपींस मर्चेंट मरीन अकादमी के दक्षिण में एक नए बेस का निर्माण किया जा रहा है, जो पहले देश के सशस्त्र बलों द्वारा हमले और तटीय रक्षा प्रशिक्षण के लिए एक क्षेत्र के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली जमीन के एक हिस्से पर है। इसमें आगे कहा गया है कि फिलीपींस की नौसेना का प्रतिष्ठान भारतीय ब्रह्मोस ठिकानों से छोटा लगता है। ऐसा संभवतः मनीला द्वारा ब्रह्मोस सिस्टम की खरीद की कम क्षमता के चलते हो सकता है। भारतीय लॉन्चरों के तीन के मुकाबले मनीला को दिए प्रत्येक लॉन्चर में केवल दो मिसाइल हैं।
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चीन से टकराने की मूड में फिलीपींस
फिलीपींस के ब्रह्मोस बेस बनाने का दाव अगर सही है तो यह पहले से ही विवादित क्षेत्र में तनाव को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही ये भी साफ हो गया है कि मनीला ने अब बीजिंग से सीधे टकराने का मन बना लिया है। चीनी नौसेना लूजोन जलडमरूमध्य का उपयोग करती है, जो दक्षिण चीन सागर और फिलीपींस सागर के बीच मार्ग के लिए एक चोक पॉइंट है। फिलीपींस ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइलों को स्कारबोरो शोल से सिर्फ 250 किमी की दूरी पर तैनात करेगा, जो दोनों राज्यों के बीच एक विवादित स्थल है। फिलीपींस को जो मिसाइल दी गई है, उसकी रेंज 290-300 किलोमीटर तक है।
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