img-fluid

आसान नहीं होगी पूर्वोत्तर से आफस्पा हटाने की चरणबद्ध मुहिम, मणिपुर हिंसा ने दिए कई सबक

May 09, 2023

इंफाल (Imphal) । मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) के बाद स्थिति सामान्य करने की दिशा में चौतरफा प्रयास चल रहे हैं। लेकिन, हिंसा की घटना ने पूर्वोत्तर में शांति मिशन (peace mission) के सामने कई तरह की चुनौतियां पेश की हैं। हिंसा के बाद मणिपुर सहित पूरे पूर्वोत्तर से आफस्पा हटाने की चरणबद्ध मुहिम की कवायद आसान नहीं होगी। जानकारों का कहना है कि मणिपुर हिंसा ने कई सबक दिए हैं, इसपर तुरंत ध्यान देना होगा।

बीएसएफ के पूर्व एडीजी पी.के. मिश्रा ने कहा, मणिपुर की सीमा म्यांमार (border myanmar) से लगती है। यहां कई विद्रोही गुट पहले से मौजूद हैं और इनका संपर्क चीन से भी है। चीन हमेशा से पूर्वोत्तर के इलाके में निगाह बनाए रखता है। इसलिए मणिपुर सहित पूरे पूर्वोत्तर में कोई भी कदम बहुत सोच समझकर उठाना होगा। साथ ही कई स्तरों पर सतर्कता बरतनी होगी। यहां थोड़ी भी उथलपुथल (upheaval) का फायदा उठाने का प्रयास पड़ोसी देश और विद्रोही गुट कर सकते हैं।


आफस्पा हटाने को लेकर भी जानकारों ने आगाह किया है। पूर्व एडीजी ने कहा, जिन इलाकों को शांत घोषित करने के बाद अफस्पा हटाया गया था वहां की स्थिति की भी पूरी समीक्षा करना चाहिए। क्योंकि थोड़ी सी चूक शांति के सभी प्रयासों को डिरेल कर सकती है।

मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 फीसदी हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है। वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी ज़िलों में रहते हैं। इन समूहों के बीच तनाव के बाद राज्य में स्थिति जटिल हुई है। पड़ोसी राज्यों में भी खास सावधानी बरती जा रही है।

गौरतलब है कि मणिपुर के 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों को अशांत क्षेत्र की परिधि से बाहर करके अफस्पा हटाया गया था। नगालैंड के सात जिलों के 15 पुलिस स्टेशन से और अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों के साथ एक जिले के दो पुलिस स्टेशन क्षेत्र से अफस्पा हटाया गया था। जबकि त्रिपुरा और मेघालय से पूरी तरह अफस्पा हटा लिया गया था। असम का 70 फीसदी से ज्यादा इलाका अफस्पा मुक्त हो चुका है।

मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर पर खास ध्यान केंद्रित किया है। वर्ष 2014 की तुलना में वर्ष 2022 में 67 फीसदी हिंसा में कमी दर्ज की गई थी। वर्ष 2014 से अब तक 8000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण करके हथियार डाल दिए। आधा दर्जन के करीब शांति समझौते भी किए गए। लेकिन मणिपुर की हिंसा से अलग तरह की चुनौती सामने आई है।

Share:

ट्विटर ने फिर यूजर्स को दिया तगड़ा झटका, एलन मस्क बंद करने वाले हैं ऐसे अकाउंट

Tue May 9 , 2023
नई दिल्ली (New Delhi)। ट्विटर (Twitter) यूजर्स को एक बार फिर तगड़ा झटका लगने वाला है। अगर आपका ट्विटर अकाउंट काफी समय से इनऐक्टिव है, तो एलन मस्क (Elon Musk) उसे बंद करने वाले है। मस्क ने सोमवार को एक ट्वीट करके कहा कि कंपनी सालों से इनऐक्टिव अकाउंट की पहचान करके उन्हें हटाने वाली […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
रविवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved