संत नगर। वर्ष 1999 में गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने वाले डॉक्टर अशोक कुमार जयंत अनुसूचित जाति का होने के कारण हमीदिया अस्पताल में डॉक्टर के बजाय फार्मासिस्ट वर्ग- 2 के कर्मचारी बनकर रह गए। जिसके चलते वे काफी तनाव में रहने लगे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने पर भी जब उन्हें न्याय नहीं मिला तो ब्लड प्रेशर हाई के चलते वे लकवे के शिकार हो गए। उक्त आरोप उनकी पत्नी गीता जयंत ने लगाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की गुहार की है। जिसमें कहा है कि मेरे पति को एमबीबीएस डॉक्टर के हिसाब से पदोन्नति, समयमान तथा क्रमोन्नति दी जाए।
पत्नी और बेटा डिप्रेशन में है
डॉ. अशोक तनाव के चलते लकवे का शिकार होकर जीवन मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं। जिन्हें देखकर उनकी पत्नी तथा एक मात्र संतान बेटा डिप्रेशन में आ गए हैं। उनका कहना है कि 30 जून 2023 को डॉ. अशोक का रिटायरमेंट है। सरकार पदोन्नति, क्रमोन्नति के साथ बकाया वेतन मान दे देगी तो उनके परिवार को हुई क्षति की भरपाई हो जाएगी।
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