इन्दौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी पहली काउंसलिंग के दौरान विद्यार्थियों का आकर्षण कम होता जा रहा है। पिछले वर्ष भी सीएलसी राउंड तक सीटों को भरने के लिए पहुंचना पड़ा था। इस बार पीजी मे सीयूईटी के विद्यार्थियों ने काउंसलिंग में 2000 तक ही आंकड़ा सिमटने से यूनिवर्सिटी की चिंता बढ़ गई है। यूनिवर्सिटी में पीजी प्रवेश के लिए सीयूईटी के माध्यम से 40000 विद्यार्थियों ने अपनी पसंद बताया था, लेकिन 31 मई तक काउंसलिंग आवेदन जमा करने में सिर्फ 2000 विद्यार्थी ही पहुंचे, जिसके कारण यूनिवर्सिटी को प्रवेश के लिए समयसीमा बढ़ाना पड़ी। यूनिवर्सिटी के 17 विभागों में तकरीबन 1300 सीटों के लिए सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश दिया जाना है, लेकिन इतने कम छात्रों ने रुचि दिखाई है, जिससे यूनिवर्सिटी की साख भी कमजोर हो रही है।
अब विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए 9 जून तक मौका दिया जा रहा है। दरअसल यूनिवर्सिटी मैं जब सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) प्रवेश प्रक्रिया अपनाई है, तब से यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या काउंसलिंग के समय सिमट रही है, जबकि इससे पहले तीन से चार गुना विद्यार्थी यहां प्रवेश लेने के लिए काउंसलिंग के दौरान अपनी पसंद को दर्ज करते थे। सीमित प्रवेश विद्यार्थियों की संख्या के चलते वर्तमान प्रबंध पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। हालांकि प्रबंधन ने इस मामले में अपना तर्क स्पष्ट करते हुए बताया कि विद्यार्थियों ने आवेदन जमा करते समय मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी गलत दर्ज किए थे, लेकिन यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही। इस मामले में कार्य परिषद सदस्य भी आपसी राय मशविरा कर रहे हैं। जून के दूसरे सप्ताह में सीमित प्रवेश को लेकर नई स्थितियां जरूर बनेंगी। उल्लेखनीय है कि इन्दौर मप्र में शिक्षा का हब बन चुका है। आसपास के सभी क्षेत्रों से विद्यार्थी यहां पढऩे के लिए आते हैं, लेकिन अब डीएवीवी की साख कमजोर पड़ती जा रही है, जिसके कारण केवल अब प्रशासनिक परीक्षाओं की तैयारियों के लिए विद्यार्थी आ रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved