जेनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) World Health Organization ने कहा है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ अमेरिकी कंपनी फाइज़र (American company Pfizer) की दवा पैक्सलोविड (Drug Paxlovid ) बेहद असरदार है. WHO ने कहा है कि जिन मरीजों में कोरोना के हल्के लक्षण हैं वो इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं. डब्लूएचओ के विशेषज्ञों ने बीएमजे मेडिकल जर्नल (BMJ Medical Journal) में कहा कि बुजुर्ग और वैक्सीन न लेने वालों के लिए उपचार का ये बेहतर विकल्प है. बता दें कि अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर (American Drug Regulator) ने पिछले साल इस दवा (Medicine) के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.
WHO ने पैक्सलोविड को अमेरिकी बायोटेक फर्म गिलियड द्वारा बनाई गई एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिविर से बेहतर बताया है. डब्ल्यूएचओ ने रेमडेसिविर के साथ-साथ मर्क की मोलनुपिरवीर और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी से भी पैक्सलोविड को रेटिंग में ऊपर रखा है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात को लेकर एक बार फिर से चिंता जताई है कि अभी भी कई देशों में लोगों को कोरोना की वैक्सीन नहीं मिल रही है.
कौन ले सकता है ये दवा?WHO के मुताबिक पैक्सलोविड का इस्तेमाल कोरोना के वो मरीज कर सकते हैं जिनकी उम्र 18 साल से ज्यादा है. इसके अलावा प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग महिलाएं इस दवा का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. फिलहाल WHO ने कोरोना के गंभीर मरीजों को ये दवा लेने की सलाह नहीं दी है. जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखते हैं उन्हें 5 दिनों के अंदर इस दवा को लेने की सलाह दी गई है. साथ ही इसे अगले 5 दिनों तक लेने के लिए कहा गया है.
कीमत को लेकर WHO परेशानWHO ने फाइजर से Paxlovid के लिए इसकी कीमत को और अधिक पारदर्शी बनाने का आह्वान किया है. दवाओं तक पहुंच पर डब्ल्यूएचओ की वरिष्ठ सलाहकार लिसा हेडमैन ने कहा कि रेडियो स्टेशन एनपीआर ने अमेरिका में पैक्सलोविड की लागत पूरे 5 दिनों की ट्रीटमेंट के लिए 530 डॉलर बताई है. जबकि कुछ जगह इसकी कीमत 250 डॉलर बताई गई है.
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