नई दिल्ली। अमेरिकी फार्मा कंपनी Pfizer अब कोरोना वायरस (Corona virus) के इलाज के लिए ओरल ड्रग (Oral Drug) पर काम करना शुरू कर चुकी है. कंपनी ने अपनी ओरल एंटीवायरल ड्रग (Oral Antiviral Drug) का पहले फेज (1st Phase )का क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि अगर Pfizer की ये दवा ट्रायल पास कर जाती है तो कोरोना के इलाज में बड़ी कामयाबी हासिल होगी. इससे पहले Pfizer की कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में किया जा रहा है.
फार्मा कंपनी ने मंगलवार को बताया कि वो अपने ओरल एंटीवायरल ड्रग के तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की शुरुआत कर चुकी है. इस दवा का वैज्ञानिक नामकरण PF-07321332 किया गया है. इसका ट्रायल अमेरिका में ही किया जा रहा है. सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ये दवा उस एंजाइम को ब्लॉक करने का काम करेगी जिसकी वजह से ह्यूमन सेल में कोरोना वायरस तेजी के साथ बढ़ता है.
याद दिला दें भारत में फाइज़र की वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी गई थी. दरअसल भारत की तरफ से शर्त रखी गई थी कि उसी वैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी जिसका ट्रायल भारत में हुआ हो. फाइज़र ने भारत में अपनी वैक्सीन का कोई ट्रायल नहीं किया था इसलिए उसे मंजूरी नहीं दी गई. भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड को मंजूरी मिली क्योंकि इन दोनों ही वैक्सीन के देश में ट्रायल हुए थे. कोवैक्सीन तो भारत में ही बनाई गई, वहीं कोविशील्ड के भी ट्रायल हुए थे.
इसके अलावा फाइज़र वैक्सीन के रखरखाव को लेकर भी कई तरह की चुनौतियां हैं. जैसे इस वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर फ्रीज करके रखना होता है. इसके लिए विशेष फ्रीजर की आवश्यकता होती है. माना जा रहा था कि भारत जैसे देश के लिए इस वैक्सीन के रखरखाव में काफी ज्यादा खर्च आएगा.
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