नई दिल्ली। यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (European Medicines Agency) की सुरक्षा समिति ने शुक्रवार को कहा कि फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना (Moderna) की कोरोना वैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं में मासिक धर्म में आई गड़बड़ियों की रिपोर्ट की जांच की गई है. कोरोना की वैक्सीन को लगवाने के बाद महिलाओं में मासिक के समय बहुत ज्यादा खून आने या फिर माहवारी के बंद होने की शिकायतें मिली हैं. एजेंसी ने कहा कि यह जांच मैसेंजर आरएनए तकनीक (messenger RNA technology) पर आधारित दोनों टीकों में से किसी एक को लगवाने के बाद मासिक धर्म संबंधी गड़बड़ियों की रिपोर्टों को देखते हुए की गई थी.
बहरहाल अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि महिलाओं की मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं का कोरोना के वैक्सीनेशन से कोई सीधा लिंक है या नहीं. ईएमए ने कहा कि मासिक धर्म संबंधी समस्याएं महिलाओं की हेल्थ कंडीशन के साथ-साथ तनाव और थकान से भी हो सकती हैं. इस तरह की समस्याओं के मामलों को कोविड-19 से संक्रमित होने वाली महिलाओं में देखा गया था. हाल ही में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने इसके लिए एक स्टडी भी करवाई थी, जिसके अनुसार COVID-19 का टीका लगवाने के बाद मासिक धर्म चक्र में थोड़े समय के लिए एक बदलाव देखा गया था. स्टडी में मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करने वाले स्मार्टफोन ऐप के साथ लगभग 4,000 यूजर्स से डेटा जुटाया गया था, लेकिन ईएमए ने दिसंबर में कहा था कि उसने मासिक धर्म चक्र और कोविड-19 टीकों में बदलाव के बीच कोई सीधा लिंक नहीं पाया गया है, जबकि नॉर्वे में एक स्टडी के बाद कहा गया था कि कुछ महिलाओं को टीका लगने के बाद माहवारी में भारी ब्लीडिंग हुई थी. बहरहाल उपलब्ध सबूतों की समीक्षा करने के बाद ईएमए की फार्माकोविजिलेंस रिस्क असेसमेंट कमेटी (Pharmacovigilance Risk Assessment Committee-PRAC) ने कहा कि उसने सभी उपलब्ध आंकड़ों की जांच करने का फैसला किया है, जिसमें रोगियों, हेल्थ पेशेवरों और क्लीनिकल ट्रायल्स (clinical trials) के डेटा के साथ प्रकाशित रिपोर्ट्स शामिल हैं. एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि COVID-19 के टीके प्रजनन क्षमता पर असर डाल रहे हैं.