नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आतंकी (terrorist) गतिविधियों में शामिल कुख्यात संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गैरकानूनी संस्था घोषित करते हुए उस पर पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित किया गया है।
आपको बता दें कि पीएफआई (PFI) की देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका की वजह से कई दिनों से सरकारी एजेंसियां जांच कर रही थीं। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ( ED) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने देशभर में इस संगठन के तमाम ठिकानों पर छापे मारकर 300 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। ।
विदित हो कि गत दिवस केंद्रीय जांच एजेंसियों ने देशभर में दो बार छापेमारी कर इस संगठन के 300 से ज्यादा कार्यकर्ताओं व नेताओं को दबोचा है। पीएफआई के तार खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस से भी जुड़े हैं। इसका इरादा देश के लोगों में भय पैदा करना था।
केरल में काटा था प्रोफेसर का हाथ
पीएफआई का हाथ केरल में 4 जुलाई 2010 को प्रोफेसर टीजे जोसेफ के दाहिने हाथ की हथेली काटने में भी सामने आया था। पीएफआई मलयाली प्रोफेसर जोसेफ से नाराज था। संगठन का मानना था कि जोसेफ ने कॉलेज की परीक्षा में कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसका बदला लेने के लिए पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने जोसेफ के दाहिने हाथ की हथेली काट दी थी।
विदेशों तक गए पीएफआई के सदस्य
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस संगठन की गतिविधियों के कई सबूत ऐसे मिले हैं, जिनसे पुष्टि होती है कि यह देश में आतंकी कार्यों लिप्त है। संगठन के सदस्य सीरिया, इराक व अफगानिस्तान में जाकर आईएस के आतंकी समूहों में शामिल हुए, कई वहां मारे गए। कुछ को को विभिन्न राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया। इसके आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के साथ संबंध हैं। यह संगठन देश में हवाला व चंदे के माध्यम से पैसा एकत्रित कर कट्टरपंथ फैला रहा है।
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