लखनऊ। केंद्र सरकार ने आतंकी गतिविधियों में शामिल कुख्यात संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गैरकानूनी संस्था (illegal organization) घोषित करते हुए उस पर पांच साल के लिए बैन कर दिया । इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित किया गया है साथ देश के अलग-अलग राज्यों में इनके कार्यालयों में ताले लगने शुरू हो गए हैं।
आपको बता दें कि हाल ही में देश कई राज्यों में स्थानीय पुलिस और आतंकरोधी दस्ते ने पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापा मारकर 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद इनमें से कई को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले भी 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापा मारा गया था। पीएफआई की देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका की वजह से कई दिनों से सरकारी एजेंसियां जांच कर रही थीं। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देशभर में इस संगठन के तमाम ठिकानों पर छापे मारे, हालांकि इनकी गिरफ्तारियां से लोग विरोध भी कर रहे हैं
इनके कब्जे से आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल एवं लैपटॉप समेत अन्य चीजे मिली है। गुडम्बा थानाक्षेत्र के पलका गांव से मोहम्मद आबिद, कृष्णानगर इलाके के आजादनगर से दिलशाद और कैसरबाग क्षेत्र से मो. हाशमी को गिरफ्तार किया गया है। वह मूल रूप से हमीरपुर के राठ फरसोलियाना का रहने वाला है। इनके पास से मोबाइल, आपत्तिजनक दस्तावेज, बैग, आईईडी बनाने से संबंधित दस्तावेज मिले हैं।
पता चला है कि पीएफ़आई में जो सदस्य शामिल होते थे उनको शारीरिक रूप से दक्ष बनाया जाता था। इसके लिए कई तरह की खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन होता था। इसके अलावा तत्काल बम और विस्फोटक बनाने के तरीक़े भी सिखाए जाते थे।
पीएफआई की स्थापना
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक कट्टर विचारधारा वाला संगठन माना जाता है। इसकी शुरुआत साल 2006 में दक्षिण भारतीय राज्य केरल में हुई. वर्ष 2006 में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय हुआ जिसके बाद पीएफआई अस्तित्व में आया।
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