नई दिल्ली: इजराइल और फिलिस्तीन (Israel and Palestine) के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों (petrol and diesel prices) को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है. दरअसल 13 अक्टूबर को पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Petroleum Minister Hardeep Singh Puri) ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी (Increase in prices of petrol and diesel) हो सकती है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी (Increase in crude oil prices) के कारण यह कदम उठाना पड़ सकता है.
पुरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ दिनों में बढ़ी हैं. यह बढ़ोतरी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण हुई है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है. इस युद्ध के कारण कच्चे तेल की मांग बढ़ रही है, जिससे कीमतों में वृद्धि हो रही है. पुरी ने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कीमतों को स्थिर रखना मुश्किल हो रहा है.
पुरी के इस बयान के बाद आम लोगों में चिंता बढ़ गई है. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए कुछ कदम उठाएगी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. यह बढ़ोतरी भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को प्रभावित करेगी.
अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि: अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि होने से डॉलर की कीमत बढ़ेगी. इससे भारत में आयातित कच्चे तेल की कीमत बढ़ेगी, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. भारत में आर्थिक विकास की दर में कमी: अगर भारत में आर्थिक विकास की दर में कमी आती है, तो मांग में कमी आएगी. इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है. हालांकि, अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि भारत में आर्थिक विकास की दर में कमी आएगी. अगर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, तो आम लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इससे महंगाई बढ़ेगी और लोगों की जेब पर बोझ बढ़ेगा.
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