जबलपुर। पनागर में एक पेट्रोल पंप संचालक से एडीशनल एसपी ने फोन पर बात कर पचास हजार रुपये अपने बताये गये एकाउंट में ट्रांसफर करने की बात कही। पहले तो पंप संचालक ने टालमटोली की, लेकिन पंप पहुंचे दो पुलिस कर्मियों को देखकर उसने विश्वास किया और 49 हजार रुपये की राशि बताये गये एकाउंट ट्रांसफर कर दी। इसके बाद उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है, जिसके बाद पूरे महकमें में हड़कंप मच गया। मामले की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची, जिनके निर्देश पर पनागर थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई। वहीं पंप पहुंचे पुलिस कर्मी भी सकते में है कि आखिर कौन जालसाज है, जिसने उन्हें एडीशनल के नाम पर बेवकूफ बना दिया। अचरज की बात तो ये है कि जिस मोबाईल नंबर से बात करने के लिये पंप संचालक को कहा गया कि टू-कॉलर पर एडीशनल एसपी शो कर रहा था।
पूरे महकमें में हड़कंप
उक्त वारदात की खबर जैसे ही अन्य पुलिस कर्मियों व वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची, पूरे महकमें में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पूरे मामले की जांच के आदेश देते हुए एफआईआर दर्ज करायी गई। वहीं थाने में पदस्थ पुलिस कर्मी नरेन्द्र व रूपेश भी सकते में आ गये।
सायबर सेल लगी पतासाजी में
शिकायत के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पूरे मामले की छानबीन के लिये एक अलग से टीम लगाई गई है। वहीं सायबर सेल की टीम भी मोबाईल नंबर के आधार पर उसकी लोकेशन पता कर रहीं है। वहीं जिस एकाउंट में पैसे ट्रांसफर किये गये वह किसी घनश्याम शर्मा के नाम का होना बताया जा रहा है।
क्या है मामला
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पनागर विनोवाभावे वार्ड निवासी 54 वर्षीय प्रवीण मिश्रा पेट्रोल पंप का संचालन करते है। बीते दिवस पनागर थाने में पदस्थ पुलिस कर्मी नरेन्द्र पाटिल पंप पर पहुंचा और उनसे कहा कि एडीशनल एसपी साहब जरूरी बात करना चाहते है, जिस पर पेट्रोल पंप संचालक बताये गये नंबर पर फोन किया। जिस पर सामने बाले ने खुद को एडीशनल एसपी बताते हुए पंप संचालक से 50 हजार रुपये एक एकाउंट नंबर पर ट्रांसफर करने के लिये कहा। पहले तो पंप संचालक ने पैसे न होने का हवाला देते हुए टालमटोली की। इसके कुछ देरबाद पुन: पुलिस कर्मी नरेन्द्र पाटिल व रूपेश सहारे बाईक से पंप पहुंचे और कहा कि एडीशनल साहब का काम कर दो। जिसके बाद उसने आरटीजीएस के माध्यम से घनश्याम नामक व्यक्ति के एकाउंट पर 49 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिये। बाद में उसे पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई, जिसकी शिकायत उसने थाने में दर्ज करायी।
एडीशनल एसपी के नाम पर किसी जालसाज ने थाने फोन कर पेट्रोल पंप वाले से बात कराने कहा था, जिस पर विश्वास करते हुए थाने के नरेन्द्र व रूपेश गये और बात करायी। उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि सामने वाला कोई ठग खुद को एडीशनल बताकर बात कर रहा है और किस उद्देश्य से पंप संचालक से बात करना चाह रहा है। मामले की जब जाचं की गई तो पूरा मामला धोखाधड़ी का निकला है, जिस पर प्रकरण दर्ज कर आरोपी की पतासाजी की जा रही है।
आरके सोनी, टीआई पनागर
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