नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को पेट्रोल निर्यात पर लगाए गए तीन सप्ताह पुराने कर को खत्म कर दिया। साथ ही डीजल एवं विमान ईंधन के निर्यात और कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर लागू अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती भी की है।
सरकार ने अधिसूचना में कहा, वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद पेट्रोल निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर की दर से लागू निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया गया है। डीजल एवं विमान ईंधन के निर्यात पर लगने वाले कर में क्रमश: 2 रुपये और 4 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है।
कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर लगने वाले कर को भी 23,250 से घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। इस कदम से ओएनजीसी, वेदांता और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसे घरेलू तेल उत्पादकों को फायदा होगा।
क्रूड की कीमतों में गिरावट से देनी पड़ी राहत
सरकार ने तेल कंपनियों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ पर एक जुलाई, 2022 से कर लगाया था। उसके कुछ दिनों बाद क्रूड की कीमतों में तेजी से आई गिरावट की वजह से तेल उत्पादकों और रिफाइनरी कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ा है।
एक जुलाई, 2022 को पेट्रोल और विमान ईंधन पर 6 रुपये प्रति लीटर निर्यात शुल्क 12 डॉलर प्रति बैरल के बराबर था। डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर शुल्क 26 डॉलर प्रति बैरल और घरेलू तेल उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अप्रत्याशित लाभ कर 40 डॉलर प्रति बैरल के बराबर था।
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