नई दिल्ली । पेट्रोल और डीजल (Petrol and diesel) के लगातार बढ़ते दामों ने भारत (India) के लोगों को हलाकान कर दिया (Pissed off people) है। दाम आसमान पर (Prices sky high) पहुंच रहे हैं। कुछ दिनों से लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है । पिछले साल मई के महीने से अबतक पेट्रोल के दाम में करीब 36 रुपए और डीजल के दाम में करीब 26.58 रुपए की बढ़ोतरी की गई है, जबकि दोनों ईंधनों पर लगने वाले कर भी बढ़ाए गए हैं ।
रविवार को तेल के दामों में बढ़ोतरी होने के बाद मध्य प्रदेश के इंदौर में पेट्रोल 116.30 रुपए और डीजल करीब 105.70 रुपए हो गया है, तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 107.59 रुपए और डीजल 96.32 रुपए हो गया है, वहीं मुंबई में पेट्रोल और डीजल की कीमत क्रमशः 113.46 रुपए और 104.38 रुपए हो गई है। इसके अलावा कोलकाता में भी पेट्रोल 108.11रुपए और डीजल 99.43 रुपए बिक रहा है, जबकि चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 104.52 रुपए और डीजल की कीमत 100.59 रुपए है।
पिछले दिनों अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हुई तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण देश भर के अधिकांश राज्यों में पेट्रोल 100 रुपए के पार बिक रहा है और डीजल भी कई राज्यों में 100 के पार हो गया है। केंद्र सरकार ने भी पिछले दिनों अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम 19 डॉलर प्रति बैरल होने की वजह से लाभ कमाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले कर को बढ़ा दिया था। उम्मीद जताई जा रही थी कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में बढ़ोतरी होने के बाद इस कर को कम कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल होने के बावजूद पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.9 रुपए और डीजल पर 31.8 रुपए बना हुआ है।
आसमान छूते तेल के दामों को लेकर डीजल और पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग को तेल मंत्री हरदीप पुरी ने अपने पैर में कुल्हाड़ी मारने जैसा बताया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार लोगों को तेल के बढ़ते दामों से राहत दिलाने के लिए उसपर लगने वाले करों में कटौती करेगी तो उन्होंने कहा कि यह अपने पैर में कुल्हाड़ी मारने जैसा है, साथ ही उन्होंने कहा कि इसी उत्पाद शुल्क की वजह से लाखों लोगों को फ्री कोरोना वैक्सीन, राशन और रसोई गैस दिया गया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत में अक्सर जब भी किसी चीज की कीमत बढ़ती है तो करों में कटौती करने की मांग की जाती है। ऐसी मांग करने करने का मतलब है कि आप अपने पैर में कुल्हाड़ी मारिए। गौरतलब है कि तेल के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर है। विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार से तेल के ऊपर लगने वाले करों में कमी की मांग कर रही है।
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