नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2022 को आम बजट पेश करने वाली हैं। सभी को बेसब्री से इंतजार है की इस बार के बजट में वित्त मंत्री क्या ऐलान करेगी। साथ ही पेट्रोल-डीजल पर फिर से एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) बहाल करने की मांग हो रही है। पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) की बढ़ती कीमतों के लिए आलोचना झेल रही केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में इस पर एक्साइज ड्यूटी घटाया था। अर्थशास्त्रियों (economists) का मानना है कि एक्साइज ड्यूटी में यह कमी महामारी के पहले की स्थिति की तुलना में काफी कम थी। ऐसे में सरकार को एक्साइज ड्यूटी को फिर से बहाल करना चाहिए।
केंद्र को कोरोना संकट (corona crisis) के बीच साल 2020 में अपने खजाने को बढ़ाने के लिए एक्साइज ड्यूटी के रूप में एक अच्छा जरिया हाथ लगा। इससे रेवेन्यू तो बढ़ गया लेकिन तेल महंगा हो गया। नवंबर 2021 की शुरुआत में एक्साइज ड्यूटी में की गई कटौती, फरवरी 2021 तक की गई बढ़ोतरी का केवल 15-30 फीसदी था। फिलहाल एक्साइज ड्यूटी कुल पंप कॉस्ट की तुलना में एक चौथाई है। जानकारी के मुताबिक बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस (Madan Sabnavis) ने कहा कि अन्य रेवेन्यू में कमी, जिसकी भरपाई 2020-21 में लगभग हो चुकी है अब वह आगामी बजट (upcoming budget) के लिए किसी बड़े सिरदर्द का कारण नहीं है, क्योंकि अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। इस प्रकार एक्साइज दरों में और कटौती के लिए जगह बन रही है।
एक्साइज ड्यूटी में कटौती की संभावना बजट में नहीं दिखाई दे रही है, लेकिन आगामी फाइनेंशियल ईयर (financial year) के लक्ष्य को पूरा करने के लिए यह अभी भी सबसे अच्छा फैसला हो सकता है। इस बार संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू होगा और 8 अप्रैल को खत्म होगा। 1 फरवरी 2022 को आम बजट देश के सामने रखा जाएगा। सत्र का पहला भाग 11 फरवरी को खत्म होगा। एक महीने के अवकाश के बाद सत्र का दूसरा भाग 14 मार्च से शुरू होगा और 8 अप्रैल को खत्म होगा।
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