नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की महंगी कीमतों (Petrol and diesel price) से राहत मिलने का रास्ता साफ हो गया है। 24 दिनों के अंतराल के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत (Petrol and diesel price) में की गई कटौती के बाद माना जा रहा है कि जल्दी ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में और भी कटौती हो सकती है, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकेगी। आने वाले दिनों में पेट्रोलियम कंपनियां डीजल और पेट्रोल के दाम में और कमी करने का ऐलान कर सकती हैं।
गुड लाइफ सिक्योरिटी एंड कमोडिटीज लिमिटेड के मार्केटिंग हेड शंकरदयाल गुप्ता का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई तेज गिरावट ने भारतीय बाजार में भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी करने का रास्ता साफ कर दिया है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव करीब 6 फीसदी टूट गया था। मंगलवार को ब्रेंट क्रूड गिरकर 60.5 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर बंद हुआ था। पिछले 15 दिनों में ब्रेंट क्रूड का भाव 15 फीसदी से भी ज्यादा टूट चुका है। हालांकि आज सुबह क्रूड के निचले स्तर में कुछ रिकवरी भी देखी गई। ब्रेंट क्रूड 0.4 फीसदी की तेजी के साथ पहले सत्र में 61.06 डॉलर प्रति बैरल की भाव पर कारोबार कर रहा था। वहीं अमेरिकी कच्चा तेल (डब्लूटीआई क्रूड) भी 0.3 फीसदी की तेजी के साथ 57.95 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया था। मंगलवार को डब्लूटीआई क्रूड भी 6.2 फीसदी टूट कर 57.32 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया था।
जानकारों का कहना है की कोरोना संक्रमण के कारण जर्मनी में 18 अप्रैल तक लॉकडाउन को जारी रखने का फैसला किया गया है। इससे वहां ईंधन की मांग में कमी आने के आसार बन गए हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य यूरोपीय देशों में भी कोरोना की वजह से पाबंदियां लागू की गई हैं। दूसरी ओर अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाए जाने के कारण क्रूड ऑयल का स्टॉक पिछले हफ्ते के दौरान 29 लाख बैरल बढ़ गया है। इससे भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल पर दबाव बढ़ गया है। ऐसे में तेल निर्यातक देश (ओपेक कंट्रीज) में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने के फैसले के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत में नरमी बने रहने की संभावना है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना दबदबा बनाने की कोशिश में जुटी अमेरिकी तेल कंपनियां अपना उत्पादन लगातार बढ़ा रही हैं।
ब्रोकरेज फर्म सीआईएफएल सिक्योरिटीज के कमोडिटी एंड करेंसी हेड निलोत्पल सरकार का भी मानना है कि जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 71 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर ब्रेंट क्रूड के मामले में 61.06 डॉलर और डब्लूटीआई क्रूड के मामले में 57.95 डॉलर प्रति बैरल तक आ गई है, उससे भारत जैसे क्रूड के आयातक देशों के लिए अच्छी संभावनाएं बनी हैं। आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत में और भी नरमी आने की संभावना है। ऐसे में भारतीय बाजार में भी उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल की कीमत में राहत मिल सकती है। निलोत्पल सरकार के मुताबिक भारतीय तेल कंपनियों के पास पेट्रोल और डीजल की कीमत में अभी भी प्रति लीटर दो से तीन रुपये तक की कटौती करने की गुंजाइश है। (एजेंसी, हि.स.)
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