नई दिल्ली। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Haryana and Jammu and Kashmir assembly elections) के बीच पेट्रोल-डीजल (Petrol-diesel) के सस्ता होने की उम्मीद एक बार फिर बढ़ गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (Public sector Companies) को पेट्रोल और डीजल (Petrol and diesel) की कीमतों में दो से तीन रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की गुंजाइश मिली है। क्योंकि, कच्चे तेल की कीमतों (Crude oil prices) में हाल के सप्ताहों में आई कमी से पेट्रोलियम कंपनियों के वाहन ईंधन पर मुनाफे में सुधार हुआ है।
ब्लूमबर्ग एनर्जी के मुताबिक आज ब्रेंट क्रूड का नवंबर वायदा 0.77 प्रतिशत गिरकर 71.05 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। जबकि, डब्ल्यूटीआई क्रूड भी 67.12 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। आज ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल का रेट अपडेट किया है, लेकिन उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। देश में आज सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल पोर्ट ब्लेयर में है। यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 82.42 रुपये और डीजल 78.01 रुपये है।
क्यों पेट्रोल-डीजल के रेट कम होने की उम्मीद बढ़ी
कच्चे तेल की कीमत सितंबर में औसतन 74 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी, जो मार्च में 83 से 84 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आखिरी बार दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी।
100 डॉलर को पार कर गया था कच्चा तेल
बता दें कोरोना की वजह से, जब मार्च 2020 में कीमतें दो दशक के निचले स्तर 19.9 डॉलर तक गिरीं तब से कीमतों में तेज वृद्धि हुई है। मार्च 2022 में कीमतें 2014 के बाद पहली बार 100 डॉलर को पार कर गईं और जून 2022 में दशक के उच्चतम स्तर 116 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं थीं।
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को क्रमश वर्ष 2010 और वर्ष 2014 में नियंत्रण मुक्त किया गया था। वर्ष 2017 तक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने हर 15 दिन पर दामों में बदलाव किया, तब से कीमतों को दैनिक रूप से संशोधित किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
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