नई दिल्ली। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने एनसीपी और एनसीपी एसपी सांसदों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं का निपटारा कर दिया। दरअसल दोनों पार्टियों ने ही सभापति को आवेदन देकर इस मामले में आगे कोई कार्रवाई न करने की मांग की थी, जिसके बाद सभापति ने इन याचिकाओं का निपटारा करने का फैसला किया।
राज्यसभा (दलबदल के आधार पर अयोग्यता) सदस्य नियम 1985 की धारा 6 (2) के तहत 20 नवंबर 2023 को एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने एनसीपी एसपी सांसदों वंदना चव्हाण और फौजिया खान को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी। इसके बाद 21 नवंबर 2023 को वंदना चव्हाण ने भी प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ ऐसी ही याचिका दायर की।
दोनों याचिकाएं मूलतः संविधान की दसवीं अनुसूची के अंतर्गत थीं, जिसमें दलबदल के आधार पर अयोग्यता के प्रावधान हैं। शुक्रवार को सुबह सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 3 फरवरी 2025 को आवेदन मिले थे, जिनमें से एक एनसीपी एसपी के नेता शरद पवार की तरफ से और दूसरा एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल की तरफ से मिला था। दोनों नेताओं ने इस मामले में आगे कोई कार्रवाई न करने की अपील की। इसके बाद याचिकाओं का निपटारा करने का फैसला किया गया।
गौरतलब है कि एनसीपी एसपी सांसद वंदना चव्हाण का राज्यसभा का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को ही पूरा हो चुका है। प्रफुल्ल पटेल का कार्यकाल भी 27 फरवरी 2024 को समाप्त हो गया था, लेकिन 3 अप्रैल, 2024 को वे और छह साल के लिए राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। फौजिया खान का कार्यकाल भी अगले साल अप्रैल में समाप्त हो जाएगा।
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