भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश का चर्चित पटवारी भर्ती घोटाला (patwari recruitment scam) को लेकर इंदौर हाईकोर्ट (Indore High Court) में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता (petitioner) ने घोटाले की उच्चस्तरीय जांच (high level investigation) कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि भर्ती के नाम पर ग्वालियर के काॅलेज (Colleges of Gwalior) में परीक्षा पास कराने में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है। जनहित याचिका में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने और जांच के नाम पर लंबे समय तक भर्ती न रोकने कही गई है।
कर्मचारी चयन मंडल की पटवारी संयुक्त भर्ती परीक्षा मेें धांधली का मामला गरमाया गया है। हजारों छात्रों ने जहां इंदौर में बुधवार को कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया। वही भर्ती घोटाले का मामला कोर्ट तक भी पहुंच गया है। विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने परीक्षा से होने वाली नियुकि्तयों पर रोक लगा दी है।हाईकोर्ट में लगी याचिका को लेकर वकील जीपी सिंह ने बताया दस में से सात टाॅपर ग्वालियर के एक ही काॅलेज से आना घोटाले की तरफ इशारा कर रहा है।
काॅलेज भाजपा के भिंड विधायक का है। घोटाला उजागर होने के बाद सरकार ने भर्ती रोक दी हैै। जिन अभ्यार्थियों ने ईमानदारी से परीक्षा दी, उनका भविष्य भी सरकार चौपट करना चाहती है। याचिका में इस घोटाले की हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी या अन्य किसी एजेंसी से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई हैै।
टाॅपरों के रोल नंबर समान
याचिकाकर्ता रघु परमार ने कहा कि व्यापमं के बाद भाजपा सरकार का यह दूसरा बड़ा घोटाला हैै जो हजारों युवाअेां का भविष्य बर्बाद करेगा। एक ही काॅलेज से जो सात टाॅपर आए है। उनके रोल नंबर की सीरिज भी 24 नंबर से शुरू होती हैै। टाॅपर होने के बावजूद अभ्यार्थियों ने हिन्दी में हस्ताक्षर किए, उसमेें भी सिर्फ अधूरे नाम लिखे गए। परमार ने आरोप लगाया कि सत्ता में शामिल लोगों ने भर्ती घोटाले में करोड़ों का लेनदेन किया है।
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