नई दिल्ली । 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले (Before 2024 Loksabha Elections) महिला आरक्षण विधेयक (Women’s Reservation Bill) लागू करने की मांग को लेकर (Demanding Implementation) सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई (Petition Filed in Supreme Court) ।
कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा वकील वरिंदर कुमार शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है,“संवैधानिक संशोधन को अनिश्चित अवधि के लिए रोका नहीं जा सकता।” इसमें कहा गया है कि जनगणना और परिसीमन की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि सीटों की संख्या पहले ही घोषित की जा चुकी है और वर्तमान संशोधन मौजूदा सीटों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देता है।
याचिका में कहा गया है, “संशोधन को तुरंत लागू करने के लिए यह एक आकस्मिक स्थिति है, यही कारण है कि महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए एक विशेष उद्देश्य के लिए विशेष सत्र बुलाया गया था, लेकिन विवादित रुकावट डालना लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के उद्देश्य को विफल करना है।”
नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक 2023 – इस साल सितंबर में संसद के एक विशेष सत्र में पारित किया गया था। यह लोकसभा और दिल्ली सहित सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा अनिवार्य करता है। परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 2029 में महिलाओं के लिए कोटा पूरी तरह से देश भर में लागू होने की संभावना है और यह 15 साल की अवधि तक जारी रहेगा।
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