खरगोन। हिन्दवी स्वराज की स्थापना शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj founded Hindavi Swaraj) का सपना था। वो चाहते थे कि हिन्दुस्थान (Hindusthan) पर भारतीयों का अधिकार हो। उनके इस सपने को साकार करने का जिम्मा पेशवा बाजीराव (Peshwa Bajirao) ने संभाला था। बाजीराव 19 वर्ष की उम्र में पेशवा बने और भारत की प्रभुता, एकता तथा अखंडता को बनाए रखने के लिए लगातार 20 सालों तक रणभूमि में रहे। खरगोन के रावेरखेड़ी में उन्हें वीरगति प्राप्त हुई। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हम उनके समाधि स्थल पर उपस्थित हुए हैं। यह बात केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कही। आशीर्वाद यात्रा के दौरान रावेरखेड़ी पहुंचे श्री सिंधिया ने पेशवा बाजीराव की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
अपना जीवन बलिदान करने वालों को मिले सम्मान, यही हमारा उद्देश्य
श्री सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी श्रंखला में हमारा प्रयास है कि ऐसे वीरों को सम्मान मिले जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। देश की संस्कृति और इतिहास को चिरस्थायी बनाया जाए। श्री सिंधिया ने कहा कि पेशवा बाजीराव की शहादत 28 अप्रैल, 1740 को रावेरखेड़ी में हुई थी। उसके बाद रानोजी महाराज सिंधिया ने यहां पर उनका समाधि स्थल बनावाया था। अब प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में पेशवा बाजीराव की 301 वीं जयंती के अवसर पर हम दोबारा उस समाधि स्थल की प्रतिष्ठा कर रहे हैं।
मराठों के बाड़े के रूप में विकसित हो समाधि स्थल
श्री सिंधिया ने कहा कि इस क्षेत्र में मराठों का 150 सालों का इतिहास रहा है। वह पूरा समय संघर्ष का समय था । उस समय मुगलों और अंग्रेजों द्वारा भारतमाता को घेरने का काम किया जा रहा था और मराठा लोग अपने देश और संस्कृति को बचाने के लिए जूझते रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान पेशवा बाजीराव के समाधि स्थल का विस्तारीकरण कर रहे हैं। उन्होंने यहां विद्युतीकरण के लिए भी कदम उठाए हैं। मेरा मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि इस स्थल को मराठाओं के बाड़े के रूप में विकसित किया जाए और इसका निर्माण काले पत्थर से किया जाए। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश की जनता और विशेषकर युवाओं को मराठाओं के इतिहास से परिचित कराने के प्रयास करना चाहिए ।
मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, पार्टी नेताओं, जनप्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि
श्रीमंत बाजीराव पेशवा की जयंती के अवसर पर उनके समाधि स्थल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, प्रभारी मंत्री कमल पटेल, खरगोन के लोकसभा सांसद गजेंद्र पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर के साथ बाजीराव पेशवा के वंशज व अन्य सरदार घरानों के वंशजों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में श्रीपाद कुलकर्णी ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पुणे के प्रसिद्ध इतिहासकार व मोडी लिपि विशेषज्ञ पांडुरंग बलकवडे इतिहास संशोधक ने पेशवा बाजीराव के बारे में अपने विचार रखे।
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