मुंबई । अमरावती (Amravati) के सेंशन कोर्ट (Sensation Court) ने कोरोना टेस्ट (Corona test) के बहाने महिला (woman)के गुप्तांग से स्वॅब (swab) लेनेवाले विकृत आरोपी को 10 साल की (Accused Sentenced 10 years) सजा सुनाई है। 29 जुलाई 2020 को अमरावती के बडनेरा ट्रॉमा केअर यूनिट (Badnera Trauma Care Unit) में यह घटना घटी थी जिसके बाद सभी राजनैतिक पार्टी और समाजसेवी संगठनों (political parties and social organizations) ने विकृत आरोपी को ज़्यादा से ज़्यादा सजा देने की मांग की थी।
कोरोना की पहली लहर में जहाँ पूरा महाराष्ट्र खौफ के साये में था तब बडनेरा के मोदी ट्रॉमा केअर सेंटर के 32 वर्षीय लैब टेक्नीशियन अल्केश देशमुख ने कोरोना जाँच करने आयी महिला को स्वॅब लेने के लिए लैब में बुलाया, कोरोना जांच के लिए स्वॅब नाक या फिर मुँह से लिया जाता है लेकिन इस विकृत लैब टेक्नीशियन ने महिला के गुप्तांग से स्वॅब लिया।
इसके बाद महिला ने इसकी शिकायत अपने भाई से की और उसने इस बारे में जिला अस्पताल में पूछताछ की तब उसे बताया गया कि स्वॅब लेने का यह तरीका नहीं है तब जाकर महिला ने इसकी शिकायत बडनेरा पुलिस स्टेशन में की
इस मामलें की सुनवाई अमरावती सेशंस कोर्ट में पिछले डेढ़ साल से चल रही थी आखिरकार कोर्ट ने विकृत आरोपी अल्केश देशमुख को आईपीसी की धारा 376(ए) के तहत दोशी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई और 10 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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