नई दिल्ली (New Dehli) । उद्योगपति मुकेश अंबानी (Industrialist Mukesh Ambani)को पिछले एक हफ्ते में अलग-अलग ईमेल आईडी से धमकी (Threat)भरे मेल आ रहे थे. जांच में पता चला कि ये मेल गुजरात (Gujarat)और तेलंगाना (Telangana)से भेजे जा रहे हैं. पुलिस ने तेलंगाना से 19 साल के गणेश रमेश वनपारधी और गुजरात से 21 साल के राजवीर खंत अरेस्ट कर लिया है.
पुलिस की हिरासत में आरोपीपुलिस की हिरासत में आरोपी
उद्योगपति मुकेश अंबानी को भेजे गए कई धमकी भरे ईमेल के मामले में मुंबई पुलिस ने शनिवार को तेलंगाना और गुजरात से दो युवाओं को गिरफ्तार किया है. मुंबई क्राइम ब्रांच सीआईयू (क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट) ने गुजरात के गांधीनगर स्थित कल्लोल से राजवीर खंत नाम के एक बीस वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है. खंत वही शख्स है जिसने ईमेल आईडी shadabchan@mailfence.com का उपयोग करके शादाब खान नाम से ईमेल भेजा था.
वीपीएन का उपयोग कर दी थी धमकी
खंत ही वह शख्स था जिसने पिछले शुक्रवार को पहला ईमेल भेजा और शुरुआत में 20 करोड़ रुपये की मांग की. इसके बाद उसने तीन और ईमेल भेजकर मांग को 400 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया और भुगतान न करने पर मुकेश अंबानी को मारने की धमकी दी थी. खंत ने ईमेल भेजने के लिए वीपीएन मास्किंग का उपयोग किया था और यही कारण था कि उनके वीपीएन नेटवर्क की शुरूआती लोकेशन बेल्जियम आ रही थी. खंत कंप्यूटर साइंस का अंतिम वर्ष का छात्र हैं और डार्क वेब तक पहुंचने के लिए घंटों तक कंप्यूटर पर बैठा रहता था.
उसने अधिकारियों को चुनौती देते हुए यह भी दावा किया था कि पुलिस उसे ट्रैक नहीं कर सकती है इसलिए उसे गिरफ्तार नहीं कर सकती है. अपनी धमकी में उसने लिखा था कि ‘अगर तुम मुझे पकड़ सकते हो तो पकड़ लो. ‘पुलिस के अनुसार, खंत ने कथित तौर पर भारत के एक अन्य शीर्ष सबसे अमीर व्यक्ति को एक और ईमेल भेजा था और 100 करोड़ रुपये की मांग की थी.
छात्र हैं दोनों ही आरोपी
दूसरी गिरफ्तारी गामदेवी पुलिस ने शनिवार सुबह तेलंगाना के एक उन्नीस वर्षीय युवक को की है जिसकी पहचान गणेश रमेश वानपारधी के रूप में हुई है. जो टीवाई बीकॉम का छात्र था. वानपारधी ने मुकेश अंबानी को धमकी भरे मेल भेजकर 500 करोड़ रुपये की मांग की थी. पुलिस के अनुसार वानपारधी ने पिछले सप्ताह अंबानी को भेजे गए धमकी भरे ईमेल के बारे में खबर देखी और उसके बाद उसने जीमेल ईमेल आईडी का उपयोग करके अंबानी को धमकी भरा ईमेल भी भेजा. दोनों आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
Dark Web क्या है?
डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया का वो हिस्सा है, जहां तक आपका सर्च इंजन नहीं पहुंचता है. इन्हें स्पेशल वेब ब्राउजर से एक्सेस किया जा सकता है. इसका पोर्शन छोटा होता है. Kaspersky के मुताबिक इसे डीप वेब का हिस्सा माना जाता है. जिस तरह से समुद्र की सतह और पानी ने नीचे कुछ हस्से तक तो हमारी पहुंच होती है, लेकिन एक हिस्सा ऐसा भी जहां तक अभी तक कोई नहीं पहुंचा है. डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया का वही हिस्सा है.
इस हिस्से तक बहुत कम लोगों की पहुंच है. यहां के वेब पेज को सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स नहीं किया जाता है. डार्क वेब को बहुत खतरनाक माना गया है और यहां पर कई अवैध काम होते हैं. साइबर वर्ल्ड की ये दुनिया अवैध कामों का ठिकाना माना जाता है. कभी इस दुनिया में हैकर्स, लॉ इंफोर्समेंट ऑफिसर्स और साइबर क्रिमिनल्स का दबदबा होता था.
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