बिलासपुर (Bilaspur) । हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के बिलासपुर जिले (Bilaspur District) में ऑनलाइन शॉपिंग (shopping online) में ठगी (cheating) का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक युवक ने ऑनलाइन शॉपिंग कर लैपटॉप (laptop) का ऑर्डर किया था. इसके बाद वो दिन भी आया जिसका उसका बेसब्री से इंतजार था, लेकिन उसके होश तब उड़ गए जब उसने पार्सल खोला.
मामला बरमाणा क्षेत्र का है. यहां भटेड़ गांव निवासी विकास शर्मा निवासी ने बताया कि उसने एक निजी कंपनी के ऐप से लैपटॉप ऑर्डर किया था. इसकी कीमत 65 हजार रुपये थी. इसमें लैपटॉप, बैग, की-बोर्ड और माउस ऑर्डर किया था. ये ऑर्डर उसने अपने घर पर किया था. इसके लिए उसने क्रेडिट कार्ड से पेमेंट किया था. पार्सल घर आया और उसने खोला तो उसके होश उड़ गए. उस पार्सल में लैपटॉप नहीं बल्कि घुंघरू थे.
पीड़ित ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार
विकास शर्मा ने पुलिस से गुहार लगाई है कि इस मामले में कार्रवाई करते हुए उसे न्याय दिलाया जाए. साथ ही कहा कि ऐसा कदम उठाया जाए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की ऑनलाइन ठगी का शिकार न हो.
पहले भी मिलते रहे हैं इस तरह के मामले
चिन्मय रमना ने दावा किया कि उन्होंने अपने दोस्त के लिए 15 अक्टूबर को लैपटॉप का ऑर्डर किया था. 20 अक्टूबर को उन्हें सीलबंद पैकेट मिला. रमना के मुताबिक, जब उन्होंने बॉक्स खोला तो उन्हें गेमिंग लैपटॉप की जगह पत्थर और कचरा मिला. उन्होंने पैकेट की तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं.
जिस ऑनलाइन कंपनी से उन्होंने यह लैपटॉप ऑर्डर किया था उसके मुताबिक गलत प्रोडक्ट की डिलवरी की मिली शिकायतों के बाद उन्होंने ने एक ‘ओपन बॉक्स डिलीवरी’ सिस्टम शुरू किया है. इससे कस्टमर वेरिफाई कर पाएंगे कि उन्होंने जिस प्रोडक्ट का ऑर्डर दिया था, वो उन्हें डिलीवर हुआ है या नहीं. इस सिस्टम के जरिए ग्राहक डिलीवरी एजेंट को वन टाइम पासवर्ड (OTP) बताने से पहले बॉक्स खोलने के लिए कह सकता है. इस तरह ग्राहक अपने प्रोडक्ट को वेरिफाई कर पाएगा.
सेलर ने कर दिया इंकार
चिन्मय के मामले में कोई ओपन-बॉक्स डिलीवरी का ऑप्शन नहीं था. इसलिए वो बॉक्स को खोलकर नहीं देख सके. जब उन्हें ऑर्डर किया हुआ प्रोडक्ट नहीं मिला तो उन्होंने तुरंत कंपनी को मामले की जानकारी दी और रिफंड का अनुरोध भी किया. हालांकि, उस समय सेलर ने यह कहते हुए उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया कि शिपिंग के दौरान प्रोडक्ट बॉक्स में मौजूद था.
वापस मिली पूरी रकम
इसके बाद चिन्मय ने इस मामले को लेकर ट्विटर पर पोस्ट किया. देखते-देखते ही सोशल मीडिया पर ये मामला चर्चा में आ गया. फिर कंपनी ने जिम्मेदारी ली और पूरी राशि रिफंड कर दी.
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