नई दिल्ली (New Delhi) । धरती (Earth) पर कुछ ऐसे इंसान (Human) भी हुए हैं, जिन्हे चमत्कारिक (wondrous) माना जाता है. उनकी अनोखी शक्तियों के बारे में जानकर विज्ञान (Science) भी हैरान रह जाता है. ऐसा ही एक इंसान आज से करीब 145 साल पहले अमेरिका (America) में भी पैदा हुआ था, जिसके बारे में माना जाता है कि उसके पास दिव्य शक्ति थी. उसके इस रहस्य को आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा सके हैं. आइए जानते हैं
यहां किस शख्स की बात हो रही है उसका नाम एडगर कायसे था. एडगर का जन्म 18 मार्च 1877 को अमेरिका के केंटुकी में हुआ था. जब एडगर 25 साल के थे, तब उनके साथ एक बेहद अजीबोगरीब घटना घटी. दरअसल, गिरने की वजह से वो कोमा में चले गए थे. डॉक्टरों ने भी खूब कोशिश की, लेकिन तब भी वह होश में नहीं आए, तब एक दिन अचानक वो बोल पड़े. हैरानी वाली बात तो यह थी कि जब वो बोल रहे थे, तब भी वो कोमा में ही थे. जबकि, कोमा में रहने वाला व्यक्ति एक जिंदा लाश की तरह होता है. जो न तो हिल-डुल पाता है और न ही बोल पाता है.
कोमा में रहते हुए बताया था इलाज
कोमा में ही रहते हुए एडगर ने डॉक्टरों को बताया कि पेड़ से नीचे गिरने की वजह से उनकी हड्डियों और उनके दिमाग में गहरी चोट लगी है. एडगर ने डॉक्टरों को कुछ जड़ी-बूटियां बताईं और कहा कि अगर वह दो दिन के अंदर इंजेक्शन के जरिए उनके खून में ये पहुंचा देंगे तो उनकी जान बच जाएगी. इतना कहने के बाद वह वापस कोमा वाली अवस्था में चले गए.
जैसा एडगर ने बोला वैसा ही हुआ
पहले से ही डॉक्टरों को एडगर का कोमा के दौरान बोलना पाना एक चमत्कार लग रहा था, ऐसे में उनके लिए और भी आश्चर्य वाली बात यह थी कि एडगर न तो खुद डॉक्टर थे और न ही उन्हें विज्ञान के बारे में या जड़ी-बूटियों के बारे में पहले से कोई खास जानकारी थी. फिर भी डॉक्टरों ने उनकी बात मान ली और बताई गई जड़ी-बूटियां इंजेक्शन के जरिए उनके खून में पहुंचा दी. इसके बाद वैसा ही हुआ, जैसा एडगर ने बोला था. कुछ ही घंटों के बाद एडगर होश में आ गए.
आंखे बंद करते ही मिल जाता था रोग का इलाज
इस रहस्यमय घटना ने एडगर के जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया. कहते हैं कि वो जब भी आंखें बंद करते थे और किसी रोग के इलाज के बारे में सोचते थे तो उन्हें उसका सही इलाज मिल जाया करता था. कहते हैं कि एडगर ने अपने पूरे जीवनकाल में लगभग 30 हजार लोगों को मौत से बचाया था. एडगर का नाम विज्ञान जगत में ‘चमत्कारिक पुरुष’ के रूप में दर्ज है. उनके ऊपर कई किताबें भी लिखी गई हैं. 3 जनवरी, 1945 को 67 वर्ष की उम्र में अमेरिका के वर्जीनिया में एडगर कायसे की मौत हो गई थी.
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