इंदौर। परिवहन विभाग (Transport Department) द्वारा प्रदेश में 1 अगस्त से शुरू की गई ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस (Online Learning License) व्यवस्था के कई साइड इफेक्ट (Side Effect) सामने आ रहे हैं। इस प्रक्रिया से लर्निंग लाइसेंस (Learning License) बनवाने वाले आवेदकों (Applicants) द्वारा परमानेंट लाइसेंस (Permanent License) के लिए टेस्ट पास करने के बाद भी लाइसेंस कार्ड (License Card) नहीं मिल पा रहे हैं। आवेदक एक माह से ज्यादा से इससे परेशान हैं।
लाइसेंस प्रिंट (License Print) न हो पाने का सबसे बड़ा कारण यह है कि पहले लर्निंग लाइसेंस स्मार्टचिप कंपनी (License Smartchip Company) द्वारा तैयार सिस्टम से टेस्ट के बाद बनते थे और इसी सिस्टम के माध्यम से आवेदकों द्वारा परमानेंट लाइसेंस (Permanent License) का टेस्ट देने के बाद पास होने पर परमानेंट लाइसेंस (Permanent License) कार्ड मिल जाता था, लेकिन 1 अगस्त से ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस सेंट्रल सर्वर (Online Learning License Central Server) से तैयार हो रहे हैं। इस सिस्टम से बने लर्निंग लाइसेंस के बाद परमानेंट लाइसेंस (Permanent License) के लिए टेस्ट भी पहले की तरह ऑटोमेटेड सिस्टम से न होकर मैन्युअल हो रहे हैं, जिसमें अधिकारी ही पास या फेल का फैसला कर रहे हैं। यानी परमानेंट लाइसेंस (Permanent License) का टेस्ट भी स्मार्टचिप कंपनी के सिस्टम से नहीं हो रहा है। इसके कारण कंपनी को सेंट्रल सर्वर के माध्यम से बनने वाले लाइसेंस के कार्ड प्रिंट करने में परेशानी आ रही है। पहले तो यह ही तय नहीं था कि लाइसेंस प्रिंट (License Print) कौन करेगा, क्योंकि इसके लिए कंपनी को अथोराइजेशन ही नहीं दिया गया था। बाद में परेशानी सामने आने पर कंपनी को ही यह काम करने के लिए अधिकृत किया गया, लेकिन इसके बाद भी सेंट्रल सर्वर से डाटा उठाने के बाद लाइसेंस पर होने वाली प्रिंटिंग की क्वालिटी पहले की अपेक्षा काफी कमजोर है। इसमें अक्षर छोटे और हलके नजर आ रहे हैं, जिससे इन्हें पढऩा मुश्किल है। इसे देखते हुए विभाग ने लाइसेंस की प्रिंटिंग को रोक दिया है।
आरटीओ के चक्कर काटने को मजबूर आवेदक
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक लाइसेंस प्रिंटिंग (License Printing) का काम रोक दिए जाने के कारण पिछले एक माह में तीन हजार से ज्यादा लाइसेंस कार्ड पेंडिंग (License Card Pending) हो गए हैं। इनके आवेदक लाइसेंस (License) न मिलने से परेशान हैं और रोजाना आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। इसकी शिकायत आरटीओ जितेंद्र रघुवंशी को मिलने पर गुरुवार को उन्होंने मुख्यालय को इसकी सूचना देते हुए सुधार की बात कही, साथ ही स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोशिश करें कि अच्छी प्रिंटिंग के साथ पेंडिंग लाइसेंस बनाना शुरू किया जाए। आरटीओ ने बताया कि सोमवार तक समस्या दूर हो जाएगी और सामान्य स्थिति में लाइसेंस प्रिंट (License Print) हो सकेंगे।
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