नई दिल्ली: केरल के वायनाड में मंगलवार (30 जुलाई) तड़के आए भूस्खलन की वजह से अभी तक 60 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इस मुद्दे पर राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में चर्चा हुई है. राज्यसभा में जब वायनाड को लेकर चर्चा हो रही थी तो नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विपक्षी सांसदों पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि यहां 50 लोग मर गए हैं और आपको हंसी आ रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर वो क्या वजह थी, जिसकी वजह से खरगे नाराज हो गए.
दरअसल, राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे वायनाड पर बोलने के लिए खड़े हुए और बोलने लगे, तभी विपक्ष के कुछ सांसद हंसने लगे. इस पर उन्होंने कहा, “क्यों हंस रहे हैं भाई? मैं कुछ भी बोलता हूं तो साहब (सभापति जगदीप धनखड़) भी हंसते हैं और आप लोग भी हंसते हैं.” इस पर सभापति ने कहा, “मेरा मन दुखी है. मैं हंस नहीं रहा हूं. सुबह पता लगा कि दो दर्जन (लोगों की मौत) हैं और फिर पता चला कि नंबर बढ़ता जा रहा है. ये देखकर अच्छा लगा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही सक्रिय हैं.”
सभापति ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और केरल के मुख्यमंत्री मामले पर सक्रिय हैं. देश में जहां पर भी विपदा आती है.” तभी खरगे ने उन्हें टोकते हुए कहा, “ठीक है सर. मुझे वहां की पूरी जानकारी नहीं है. पेपर में मैंने जो पढ़ा और फोन पर जो मालूम चला, वहीं मुझे मालूम है. इतने लोगों की वहां पर मौत हुई है. अभी तक 50 से ज्यादा की गिनती हुई है. रात को हुई घटना की वजह से किसी को नहीं पता चला कि कितने लोगों की मौत हुई है.”
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा, “वहां की जो महिला सांसद हैं, उनके पास जानकारी है और वह अपनी बात रखना चाहती हैं. मैं चाहता हूं कि आप (सभापति) आप उनको अनुमति दीजिए. जो बातें आपने बताई यहां पर कि सरकार अलर्ट है, मंत्रालय अलर्ट है, फलाना…” ये सुनकर सभापति नाराज हो गए और कहा, “फलाना नहीं बताया.” खरगे ने कहा, “आप जो जानकारी दे रहे हैं, वो सरकार को देनी चाहिए. फिर ठीक होता. वहां पर क्या सेना, सीआरपीएफ, पुलिस फोर्स गई है. ये सब बताना चाहिए.”
सभापति ने खरगे को बीच में रोकते हुए कहा, “माननीय प्रतिपक्ष के नेता मैं आपका कटाक्ष पूरी तरह से समझ गया हूं. मैं जानता हूं कि मुझे क्या जानकारी देनी चाहिए. मेहरबानी करके मर्यादित आचरण कीजिए. आप इतनी ज्यादा हल्की बात कर रहे हैं. गंभीर मामला है. आपको मालूम होना चाहिए कि सूर्योदय होने से पहले राज्य के मुख्यमंत्री और देश का नेतृत्व जिसके पास है, उसके बीच बात हुई. आप कह रहे हैं कि मैं आपके सदस्य को बोलने दूं तो मैं उन्हें बोलने की इजाजत देता हूं.”
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