इस्लामाबाद। कंगाली (pauper) की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान (Pakistan) का विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) पूरी तरह खत्म हो चुका है। तेल कंपनियों के पास तेल खरीदने का पैसा नहीं है। कंपनियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय मदद नहीं मिली तो पाकिस्तानी तेल रिफाइनरी ध्वस्त हो जाएगी। इसके साथ ही कंपनियों ने एक सप्ताह के लिए पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर भी रोक लगा दी है।
पाकिस्तान में महंगाई अपने 48 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। खाद्यान्न सहित आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए पैसा नहीं है। उधर तेल कंपनियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। कंपनियों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरती कीमत के बाद पाकिस्तान की ऑयल इंडस्ट्रीज पूरी तरह ढह गई है। उधर आईएमएफ से कर्ज की गुहार लगा रहे पाकिस्तान के राष्ट्रपति शहबाज आईएमएफ की शर्तों को सुनकर असहाय नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे पास आईएमएफ की शर्तों को मानने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है। इससे महंगाई और अधिक बढ़ेगी।
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