नई दिल्ली। हर व्यक्ति को अपने भविष्य के बारे में चिंता होती है. हालांकि कर्म के बिना कुछ भी संभव नहीं हैं, लेकिन हस्तरेखा शास्त्र (palmistry) के अनुसार हाथ की लकीरें देखकर बताया जा सकता है कि भाग्य अच्छा है या खराब. हथेली में मौजूद भाग्य रेखा(fate line) का अन्य सभी प्रकार की रेखाओं में विशेष स्थान होता है. अच्छी भाग्य रेखा(fate line) होने से व्यक्ति को जीवन में धन-दौलत और मान-सम्मान प्राप्त होता है.
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र(Astrologer Dr. Arvind Mishra) ने बताया कि हस्तरेखा शास्त्र (palmistry) के अनुसार हथेली से शुरू होते हुए वहां से सीधे मध्यमा अंगुली पर जाकर मिलने वाली रेखा को भाग्य रेखा (fate line) कहते हैं. भाग्य रेखा(fate line) जहां से शुरू होती है उसे मणिबंध कहते हैं और मध्यमा अंगुली के नीचे उभार वाले स्थान पर मिलती है उसे शनि पर्वत कहते हैं. आइये जानते हैं इस रेखा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यदि ये रेखा बीच में टूटी हुई नहीं है, तो उत्तम फल देने वाली होती है. ऐसे व्यक्तियों को धन, ज्ञान, स्वास्थ्य, प्रतिभा और प्रेम की कमी नहीं रहती है. जिनके हाथ में ये रेखा होती ही नहीं है, वे निर्धन, दुखी और दरिद्र रहते हैं. मणिबंध से चलकर शनि के स्थान तक पहुंचने वाली भाग्य रेखा बुद्धिमता, समृद्धि और सुख-सौभाग्य का होना प्रकट करती है.
भाग्य रेखा का अंतिम सिरा ऊपर की ओर झुका हुआ हो तो ऐसे व्यक्ति सदा सुखी रहेते हैं. किसी अवसर पर ऐसे लोगों को अपना मन मारकर नहीं बैठना पड़ता है. समय पड़ने पर आवश्यक वस्तुएं व मदद अनायास ही उसको प्राप्त हो जाएगी. वहीं जिनकी हथेली में भाग्य रेखा का अंतिम सिरा नीचे की ओर मुड़ गया हो, वह धनवान होते हुए भी परेशानियों में फंसे रहते हैं. आए दिन कोई न कोई झंझट उनके सामने खड़े रहते हैं.
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