वाशिंगटन। अगर आप धूम्रपान (Smoking) नहीं करते हैं तो भी सेकंड-हैंड स्मोकिंग (second hand smoking) की वजह से कैंसर का शिकार (cancer victim) बन सकते हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लैंसेट के अध्ययन में दावा किया गया है कि सेकंड-हैंड स्मोकिंग कैंसर होने का 10वां सबसे बड़ा कारण है।
दरअसल, धूम्रपान करने वाले लोगों में कैंसर का जितना खतरा (hazard) है, उतना ही ऐसे लोगों के करीब रहने वालों में भी यह खतरा रहता है। आंकड़े बताते हैं कि दुनियाभर में सेकंड-हैंड स्मोकिंग या पैसिव स्मोकिंग के शिकार लोगों की तादाद में इजाफा हो रहा है। इसका मतलब, धूम्रपान नहीं करने वाले लोग भी धुएं से बीमार पड़ रहे हैं। इसलिए शोधकर्ताओं ने धूम्रपान करने वालों से दूर रहने की सलाह दी है।
इन वजहों से भी होता है कैंसर
लैंसेट के मुताबिक, अध्ययन में पाया गया कि धूम्रपान, शराब का सेवन और उच्च बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) कैंसर होने के सबसे बड़े कारक हैं। इसके अलावा, असुरक्षित यौन संबंध(unprotected sex), वायु प्रदूषण कण, एस्बेस्टस एक्सपोजर, भोजन में साबुत अनाज, दूध की कमी और सेकंड-हैंड स्मोकिंग से भी कैंसर होता है।
अब तक 25 लाख लोगों की मौत…
अमेरिकी रोग नियंत्रण (US disease control) केंद्र के मुताबिक, तंबाकू के धुएं में 7,000 से अधिक जहरीले रसायन होते हैं। 1964 के बाद से धूम्रपान नहीं करने वाले करीब 25 लाख लोगों की सेकंड-हैंड धुएं के संपर्क में आने से मौत हो चुकी है।
क्या है सेकंड-हैंड स्मोकिंग…
सेकंड-हैंड स्मोकिंग सिगरेट, सिगार या हुक्के से निकलने वाला धुआं है। धूम्रपान करते शख्स के आसपास बैठा दूसरा व्यक्ति उस धुएं के संपर्क में आता है तो वह सेकंड-हैंड स्मोकिंग का शिकार बन जाता है।
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