ईरान: ईरान में हाल के महीनों में एक हजार से अधिक छात्राएं बीमार हो चुकी हैं. सैकड़ों छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया. आरोप है कि इन छात्राओं को जहर दिया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस तरह की घटनाएं बीते साल नवंबर से आ रहीं हैं. इसी बात को लेकर ईरान में प्रदर्शन शुरू हो गया है. बता दें कि पिछले कई महीनों से हिजाब के खिलाफ ईरान में प्रदर्शन जारी है.
ईरानी समाचार एजेंसियों के अनुसार, शनिवार ईरान की राजधानी तेहरान और अन्य शहरों में जमकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतर अपना गुस्सा जाहिर किया. इस प्रोटेस्ट के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए. ईरानी अधिकारियों ने खुद माना कि लड़कियों को ज़हर दिया. इसके पीछे अधिकारियों ने तेहरान के दुश्मनों को दोषी ठहराया है.
ईरान के स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले को लेकर बताया कि इन लड़कियों पर जहर का मामूली हमला हुआ है. ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया को बताया कि कुछ लोगों ने सभी स्कूलों, ख़ासकर लड़कियों के स्कूलों को बंद करने की मांग की थी. ये भी कहा कि ये ज़हर बहुत घातक नहीं है. इससे पीड़ित लोगों का इलाज हो जाता है.
ईरान के गृहमंत्री ने शनिवार को बताया कि जहर के नमूनों की जांच की जा रही है. शनिवार को ईरान के 31 में से 10 प्रांतों के 30 स्कूलों में इस जहर के कारण छात्राएं बीमार हुईं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा गया कि माता-पिता अपने बच्चों को घर ले जाने के लिए स्कूलों में इकट्ठा हुए हैं और कुछ छात्रों को एम्बुलेंस या बसों से अस्पताल ले जाया गया. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को संदिग्ध हमलों की पारदर्शी जांच का आह्वान किया और जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित देशों ने चिंता व्यक्त की.
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