गुस्साए लोग सड़कों पर उतर कर बिजली, ईंधन, सड़क, भोजन जैसी समस्याओं का समाधान मांग रहे हैं। यह लोग पाकिस्तान की सरकार पर अत्याचार व सौतेले व्यवहार का आरोप भी लगा रहे हैं। ये लोग अत्याचार न थमने पर आंदोलन को और उग्र करने की चेतावनी दे रहे हैं।प्रदर्शनकारी अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से भी नाराज हैं। उनका आरोप है कि यह प्रतिनिधि आम लोगों की मदद करने के बजाय लोगों के शोषण में पाकिस्तानी अधिकारियों की मदद करते हैं। जगह-जगह विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रही अवामी एक्शन कमेटी का कहना है कि चुने हुए प्रतिनिधियों ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का उपनिवेश बना दिया है। यहां से पाकिस्तान सभी तरह के संसाधनों का दोहन करता है और बदले में किसी तरह की सुविधा नहीं मिलती है।