नई दिल्ली। कोरोना के बाद पर्सनल लोन की रफ्तार में भारी तेजी आई है। बैंकों के 129 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में पर्सनल लोन का हिस्सा 31.4% है। इसमें भी दिलचस्प यह है कि लोगों ने एफडी के एवज में ज्यादा लोन लिया है। क्रेडिट कार्ड से कर्ज लेने में 28.4% की वृद्धि आई है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर, 2021 में कृषि लोन की वृद्धि दर 10.8% थी जो इस साल अक्तूबर में 13.6% रही है। इंडस्ट्री की वृद्धि 3.3 से बढ़कर 13.6% रही है। सेवाओं को दिए जाने वाले कर्ज में इस साल 22.5% की बढ़त रही जो एक साल पहले केवल 2.8% थी। पर्सनल लोन की वृद्धि दर 12.6% से बढ़कर 20.2% हो गई है।
इंडस्ट्री में मध्यम कंपनियों के कर्ज में वृद्धि 31% से बढ़कर 35 फीसदी हो गई है। बड़ी कंपनियों की वृद्धि दर 0.4% से बढ़कर 10.9% रही। सूक्ष्म एवं छोटी कंपनियों का कर्ज 20.4% बढ़ा है जो एक साल पहले 14.6 फीसदी था। सेवा क्षेत्र में सबसे ज्यादा बढ़त एनबीएफसी की रही है। पिछले साल इसमें केवल 1.4% की बढ़त थी जो अब 38 फीसदी है। रियल एस्टेट के कर्ज में 10.1% की बढ़त आई है जो पिछले साल 2.2 फीसदी की गिरावट में था।
अक्तूबर तक बैंकों के कर्ज में 17.9% की तेजी आई थी। एक साल पहले यह 6.8% थी। कुल लोन में विनिर्माण का 27.4% और सेवाओं का हिस्सा 27.6% है। कृषि का हिस्सा 13.2% है। इंडस्ट्री कर्ज में बड़ी कंपनियों का हिस्सा 76.5% है। पर्सनल सेगमेंट में सबसे ज्यादा हिस्सा हाउसिंग का है जो 49% है। 12 फीसदी हिस्सा वाहनों का है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस कहते हैं, यदि लोग कम मूल्य की वस्तुओं की खरीद के लिए कर्ज ले रहे हैं या सोने के गहने या एफडी के एवज में कर्ज ले रहे हैं तो यह खपत की बदलती संस्कृति का संकेत है।
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