बलरामपुर। कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) में ऐसी कई तस्वीरें आई जिसने मानवता को शर्मसार किया। कई जगह नदियों में शव तैरते नजर आए। कहा गया कि सभी शव कोरोना संक्रमित हैं और आर्थिक तंगी की वजह से अंतिम संस्कार न कर पाने की स्थिति में परिजनों ने इन्हें नदियों में प्रवाहित किया। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा। जिसके बाद शवों के प्रवाह पर रोक लगाने के साथ ही जल पुलिस की तैनाती गई।
इस बीच उत्तर प्रदेश के बलरामपुर (Balrampur) जिले से एक वीडियो सामने आया है। इस वायरल वीडियो में दो युवक एक शव को पुल से राप्ती नदी में फेंकते हुए नजर आ रहे हैं। शव फेंकने वाले दोनों युवकों में से एक युवक पीपीई किट पहने नजर आ रहा है।
घटना कोतवाली नगर क्षेत्र के राप्ती नदी पर बने सिसई घाट पुल की बताई जा रही है। वायरल वीडियो के संदर्भ में सीएमओ डॉ विजय बहादुर सिंह ने बताया कि राप्ती नदी में फेंका जा रहा शव सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ के रहने वाले प्रेम नाथ मिश्र का है।
उन्होंने बताया कि 25 मई को कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें संयुक्त जिला अस्पताल के एल 2 वार्ड में भर्ती कराया गया था। 28 मई को इलाज के दौरान प्रेमनाथ मिश्र की मृत्यु हो गई थी। सीएमओ ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत मृतक के शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया था। सीएमओ ने बताया वायरल वीडियो में शव को राप्ती नदी में फेकते हुए दर्शाया गया है। इस संबंध में कोतवाली नगर में केस दर्ज करा दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
शुरू हुई जांचशव को पुल से राप्ती नदी में फेंके जाने के समय वहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाकर वायरल किया है। शव फेंकने वाले दोनों युवक कौन हैं उनकी पहचान की जा रही है। उन दोनों युवकों में से एक ने पीपीई किट पहन रखी है। यह भी जांच का विषय है कि पीपीई किट पहनने वाला युवक स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी है या कोई और। यहां यह बात भी महत्वपूर्ण है कि कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों के दाह संस्कार के लिए सरकार ने 5000 रुपए देने की व्यवस्था की है। बावजूद इसके पुल से शव को नदी में फेंका जाना एक गंभीर आपराधिक घटना मानी जा रही है।
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