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    स्मार्ट मीटर के भूत से डरे हुए उज्जैन के लोग

  • January 27, 2022

    • मात्र 27 प्रतिशत घरों में ही लग पाए हैं, जबकि देवास, रतलाम, खरगोन में काम पूरा होने को है

    उज्जैन। स्मार्ट मीटर बोहरा बाखल, बेगमबाग, कंधार, कोट मोहल्ला क्षेत्र में तो लगाने के लिए एमपीईबी की टीम जा भी नहीं रही है। कुछ रिहायशी कॉलोनी में जरूर कुछ मीटर लगे हैं। बिजली की चोरी से परेशान विभाग ने स्मार्ट मीटर लगाने के साथ ही यह दावा किया था कि इससे बिजली चोरी रुकेगी, लेकिन इस बीच लोगों में यह अफवाह फैल गई कि मीटर से यूनिट अधिक आते हैं, इसलिए उज्जैन के लोग एमपीईबी की टीमों को लौटा रहे हैं। शहर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पिछले साल शुरू किया गया था। बीते 1 साल में अब तक 38 हजार स्मार्ट मीटर ही शहर में लग पाए हैं, जबकि शहर में लगभग सवा लाख उपभोक्ता हैं।


    वैसे देखा जाए तो अभी मात्र 27 प्रतिशत के आसपास ही स्मार्ट मीटर लग पाए हैं और विद्युत मंडल को मार्च तक 100 प्रतिशत घरों में स्मार्ट मीटर लगाने हैं। ऐसे में विद्युत मंडल का यह लक्ष्य पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। स्मार्ट मीटर शुरुआती दौर से ही विवादित रहा है। कभी नए मीटर जल गए तो कभी कहीं पर रीडिंग ज्यादा आ रही है, ऐसे में उपभोक्ताओं का विश्वास स्मार्ट मीटर पर बन नहीं पा रहा है। इसी के चलते कई कालोनियों में स्मार्ट मीटर लगाने वालों का विरोध हो जाता है और मामला पुलिस थाने में जाता है। खरगोन, देवास, रतलाम जैसे शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम लगभग पूरा होने को है और उज्जैन संभाग मुख्यालय होने के बावजूद यहाँ स्मार्ट मीटर लगाने की गति काफी धीमी है। रिहायशी कॉलोनियों में स्मार्ट मीटर जरूर लगे हैं।

    लाईट विभाग की समाधान योजना फेल, 25 हजार ने पंजीयन कराया लेकिन आए 5 हजार
    लाईट विभाग ने मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप समाधान योजना प्रारंभ की थी लेकिन इसका लाभ जब लोगों को नहीं मिला तो आम पब्लिक इससे दूर हो गई। पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर आई थी और इस दौरान मार्च-अप्रैल और मई तक के उपभोक्ताओं के बिल विद्युत मंडल ने फ्रीज किए थे। यह राशि शहरी उपभोक्ताओं पर करीब 44 करोड़ रुपए थी। कोरोना से निपटने के बाद सरकार ने इस बिल की वसूली के लिए समाधान योजना चलाई जिसमें एकमुश्त राशि भरने वाले को 40 प्रतिशत की छूट दी गई। इस योजना का सरकार ने खूब प्रचार किया और रजिस्ट्रेशन कराने को कहा। पहले दौर में रजिस्ट्रेशन कराने करीब 3 हजार लोग पहुँचे और बिल भरने बहुत कम लोग पहुँचे थे। इसके बाद सरकार ने फिर तारीख बढ़ाई और 31 जनवरी तक पंजीयन कराने की तारीख कर दी गई लेकिन अब तक 25 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और बिल भरने मात्र 5 हजार लोग पहुंचे हैं जिनसे अभी तक विद्युत मंडल को 2 करोड़ की राशि मिली है। ऐसे में अब 42 करोड़ रुपया अभी बकाया है।

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