भोपाल। हाल ही में रामनवमी पर खरगोन में हुए दंगों की आग अब पूरी तरह से बुझ चुकी है, लेकिन जख्म अभी भी सुलग रहे हैं। प्रभावित इलाकों में लोग अभी भी दहशत में हैं। कुछ परिवार घर बेचकर सुरक्षित जगह जाना चाहते हैं। घरों के बाहर अभी भी यह मकान बिकाऊ हैं,लिखा हुआ है। ऐसे परिवारों के बीच राष्ट्रीय स्वयं संघ और विश्व हिन्दु परिषद के लोग भी पहुच रहे हैं और उन्हें घर छोड़कर जाने का फैसला बदलने की गुहार लगा रहे हैं। पीडि़तों से उन्हें एक ही जवाब मिल रहा है कि अबकी तो बच गए फिर दंगा हुआ तो कौन बचाने आएगा।
दंगाईयों ने हर बार घरों को बनाया निशाना
1992 का दंगा हो या 2015 का। हर बार दंगाइयों ने मकान को नुकसान पहुंचाया। बस्ती के ही कुछ लोग चाहते हैं कि वे मकान औने-पौने दामों पर बेच कर चले जाएं, लेकिन हम ऐसा नहीं करना चाहते तो हमें दंगों के समय नुकसान उठाना पड़ता है। इस बार तो दंगाइयों ने हद ही कर दी। हमारे मकान को आग के हवाले कर दिया। काजीपुरा के माली परिवार ने इस दंगे के पहले मकान बेच दिया। बस्ती वालों ने बताया कि आए दिन घर पर पत्थर फेंके जाते थे। कई बार उसकी शिकायत भी की, लेकिन हल नहीं निकला। उन्होंने बहुत सस्ती कीमत में मकान बेच दिया। इसी मोहल्ले में चार मकानों को पूरी तरह जला दिया गया। वे परिवार भी घर छोड़कर जा चुके हैं।
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