प्रदेश में पहली बार ग्वालियर मेले की तरह उज्जैन में होने वाले विक्रमोत्सव में 1 मार्च से 9 अप्रैल के बीच बिकने वाले वाहनों को दी जाएगी टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट
इंदौर के वाहन डीलर्स भी होंगे शामिल, इंदौर आरटीओ को होगा टैक्स का नुकसान
इंदौर। प्रदेश सरकार पहली बार ग्वालियर की तरह उज्जैन में होने वाले विक्रमोत्सव (Vikramotsav) में वाहनों को टैक्स (Tax) में छूट देने जा रही है। इसका फायदा उज्जैन सहित इंदौर (Ujjain-Indore) व आसपास के शहरों को होगा। अब तक सिर्फ ग्वालियर मेले में ही वाहनों पर टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, लेकिन काफी दूर होने के कारण इंदौर-उज्जैन जैसे शहरों से लोग इसमें शामिल नहीं होते थे, लेकिन अब उज्जैन में यह छूट मिलने पर बड़ी संख्या में लोग यहां से वाहन खरीदेंगे। इसके लिए इंदौर के वाहन डीलर्स भी यहां अपने काउंटर्स खोल रहे हैं। इससे इंदौर-उज्जैन की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को काफी फायदा मिलेगा। हालांकि उज्जैन में ही वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से इंदौर आरटीओ को राजस्व की हानि उठानी पड़ेगी। [relpsot]
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने 1 मार्च से 9 अप्रैल तक उज्जैन में होने वाले विक्रमोत्सव में वाहनों की बिक्री पर टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट की घोषणा की है। इसके तहत शर्त है कि वाहनों की खरीदी यहां से करने के बाद पंजीयन उज्जैन में ही करवाना होगा, साथ ही यह छूट सिर्फ निजी उपयोग की दोपहिया, कारों और हल्के परिवहन वाहनों पर ही मिलेगी। इसे लेकर कल ही प्रदेश सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि यहां वाहन बेचने के लिए दूसरे शहरों से भी डीलर्स आ सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए उज्जैन आरटीओ से व्यापार प्रमाणपत्र लेना होगा। इसके बाद इंदौर से सभी बड़े वाहन डीलर्स उज्जैन में होने वाले वाहन मेले में शामिल होने की तैयारी में जुट गए हैं।
महंगे वाहनों को ज्यादा फायदा
इस मेले में सबसे ज्यादा फायदा महंगे वाहनों को खरीदने वालों को मिलेगा। परिवहन विभाग के नियमानुसार हर वाहन पर उसकी कीमत का 6 से 8 प्रतिशत का टैक्स लगता है। अगर कोई व्यक्ति 20 लाख की कार खरीदता है और उस पर टैक्स की दर 8 प्रतिशत है तो ऐसे में उसे आमतौर पर 1.60 लाख टैक्स देना होगा, लेकिन मेले में वाहन लेने पर यह राशि 80 हजार ही लगेगी। इस तरह जिन वाहनों पर टैक्स ज्यादा है, उन्हें खरीदने पर ज्यादा फायदा होगा। 50 हजार की गाड़ी जिस पर टैक्स की दर 7 प्रतिशत है उसे 3500 के बजाए 1750 रुपए देना होंगे। इतने कम फायदे के लिए उसे उज्जैन जाकर वाहन लेना और वहीं रजिस्ट्रेशन करवाना ज्यादा महंगा पड़ जाएगा।
ग्वालियर की चमक होगी फीकी
1905 से सिंधिया घराने की शान कहलाने वाले ग्वालियर मेले में भी वाहनों पर इसी तरह की छूट दी जाती रही है। यह मेला हर साल 25 दिसंबर से 25 फरवरी तक चलता है। बताया जा रहा है कि इस साल इस मेले में अब तक 900 करोड़ के वाहनों की बिक्री हो चुकी है। बड़ी गाडिय़ां लेने वाले लोग टैक्स की बचत के लिए इंदौर सहित पूरे प्रदेश से भी लोग यहां जाते हैं, लेकिन अब उज्जैन में इस मेले के लगने से इंदौर-उज्जैन सहित मालवा-निमाड़ के लोग इतनी दूर जाने के बजाए यहीं से फायदे पर वाहन ले लेंगे। इससे आने वाले सालों में ग्वालियर मेले की चमक फीकी पड़ सकती है।
मेले में शामिल होने के लिए इंदौर के डीलर्स उज्जैन में ले रहे यार्ड
एसोसिएशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स इंदौर के अध्यक्ष प्रवीण पटेल ने बताया कि इंदौर के कई डीलर्स के उज्जैन में भी शोरूम्स हैं तो वे तो इस मेले में शामिल हो ही रहे हैं, साथ ही जिन डीलर्स के वहां शोरूम नहीं है, वे मेले में शामिल होने के लिए उज्जैन आरटीओ से व्यापार प्रमाणपत्र लेने के साथ ही वाहनों का स्टाक रखने के लिए यार्ड भी किराए पर ले रहे हैं। इस मेले के कारण इंदौर-उज्जैन के वाहन डीलर्स को काफी फायदा मिलेगा।
सीजन का भी मिलेगा फायदा
वाहन डीलर्स की माने तो अभी शादियों के कारण वाहनों की बिक्री का भी सीजन चल रहा है। होलाष्टक के दौरान 17 से 24 मार्च के दौरान जरुर वाहनों की बिक्री कम हो जाती है, लेकिन इसके बाद फिर बढ़ जाती है, वहीं मेले के आखिरी दिन गुड़ी पड़वा है। जिस दिन हिंदू नववर्ष भी माना जाता है, साथ ही नवरात्रि की भी शुरुआत होती है। इस दिन बड़ी संख्या में लोग नए वाहन खरीदते हैं। ऐसे सभी लोगों को उज्जैन मेले का फायदा मिलेगा।
एक नजर तीन जिलों में होने वाली वाहनों की बिक्री पर
जिला 2024 2023
इंदौर 27,409 1,89,958
ग्वालियर 23655 77,720
उज्जैन 6788 48,822
(जानकारी परिवहन विभाग के मुताबिक)
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