नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में चुनाव तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बताया कि पहाड़ी राज्य (hill state) में 12 नवंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को नतीजे घोषित होंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने सरकार (government) दोहराने की बड़ी चुनौती है, क्योंकि पिछले 37 सालों में यह सरकार बदलने की परंपरा है। हालांकि, कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के बड़े नेताओं के भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने और राज्य में नेताओं के बीच गुटबाजी की वजह से कांग्रेस के लिए सत्ता पाना आसान नहीं होगा। चुनावी दंगल में इस बार आम आदमी पार्टी (आप) भी है। इस बीच सी-वोटर ने ताजा सर्वे पेश किया है।
सर्वे के मुताबिक, राज्य में एक बार फिर भाजपा की सरकार बन सकती है। सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि 68 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 38-46 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस के ‘हाथ’ में 20-28 सीटें आ सकती हैं। वोट शेयर की बात करें तो भाजपा को 46 फीसदी और कांग्रेस को 35.2 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान है। सर्वे का अनुमान है कि सभी सीटों पर अकेले लड़ने की तैयारी कर चुकी आम आदमी पार्टी को 0-1 सीट से ही संतोष करना पड़ सकता है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को 6.3 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया गया है।
सर्वे के मुताबिक भले ही उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी का खाता खुलना मुश्किल है। लेकिन पार्टी को एक फायदा होता दिख रहा है। ‘आप’ को 6.3 फीसदी वोट शेयर मिलने की भविष्यवाणी की गई है। यदि पार्टी हिमाचल में इतना वोट शेयर हासिल कर लेती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है। ‘आप’ को दिल्ली के अलावा पंजाब और गोवा में प्रादेशिक पार्टी का दर्ज मिल चुका है। यदि हिमाचल में भी पार्टी को 6 फीसदी से अधिक वोट शेयर मिलता है तो उसे एक और राज्य में मान्यता मिल जाएगी। नियम के मुताबिक, 4 राज्यों में मान्यता मिलने से स्वत: ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए आप नेता दुर्गेश पाठक ने कहा, ‘हम चुनाव के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हर गांव में पार्टी द्वारा बनाई गई टीमें जनता तक पहुंचने और आप के संदेश को मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए ‘कड़ी मेहनत’ कर रही हैं।
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