नई दिल्ली (New Delhi)। अमृतपाल (Amritpal)की मां की गिरफ्तारी)arrest) ‘चेतना मार्च’ निकाले जाने से एक दिन पहले हुई है. अमृतपाल और उसके नौ साथियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल (Dibrugarh Jail of Assam)से पंजाब की जेल में ट्रांसफर करने की मांग को लेकर आठ अप्रैल को बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब से मार्च निकाला जाना था.
खालिस्तान के समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह की मां को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि अमृतपाल की मां बलविंदर कौर के अलावा उनके चाचा और तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.
अमृतसर के डीसीपी आलम विजय सिंह ने बताया कि अमृतपाल की मां बलविंदर कौर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.ये एहतियातन गिरफ्तारी है. उन्होंने ये भी बताया कि अमृतपाल के चाचा सुखचैन सिंह और तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.
अमृतपाल की मां की गिरफ्तारी ‘चेतना मार्च’ निकाले जाने से एक दिन पहले हुई है. अमृतपाल और उसके नौ साथियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब की जेल में ट्रांसफर करने की मांग को लेकर आठ अप्रैल को बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब से मार्च निकाला जाना था.
बलविंदर कौर के साथ बाकी कैदियों के परिजन 22 फरवरी से अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास भूख हड़ताल पर बैठे थे. उनका कहना था कि अमृतपाल और बाकी कैदियों को जब तक पंजाब की जेल में ट्रांसफर नहीं किया जाता, तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी.
वहीं, अमृतपाल की मां और बाकी लोगों को गिरफ्तार करने पर सियासत भी शुरू हो गई है. अकाली दल ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की निंदा की है. अकाली दल के प्रवक्ता परमबंस सिंह रोमाना ने कहा कि अमृतपाल सिंह की मां समेत मार्च निकालने वाले बाकी लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो निंदनीय है.
अमृतपाल और उसके नौ साथी- दलजीत सिंह कलसी, पप्पलप्रीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, वरिंदर सिंह जोहाल, गुरमीत सिंह बुक्कांवाला, हरजीत सिंह, भगवंत सिंह, बसंत सिंह और गुरिंदरपाल सिंह औजला लगभग एक साल से डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. इन सभी को पिछले साल अप्रैल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था.
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल 23 फरवरी को अमृतपाल और उसके संगठन वारिस पंजाब दे से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था. अमृतपाल और उसके समर्थकों के हाथ में तलवार, लाठी-डंडे थे. ये पूरा बवाल आठ घंटे तक चला था. ये बवाल अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत तूफान की रिहाई को मांग को लेकर हुआ था.
लवप्रीत तूफान को पुलिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा और मारपीट करने के आरोप में हिरासत में लिया था. हालांकि, बवाल के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था. इस घटना के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था. इसके बाद अमृतपाल के कई साथी तो पकड़ा गए थे, लेकिन वो कई दिनों तक फरार रहा.
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए भी लगा दिया था. इस घटना के लगभग दो महीने बाद अमृतपाल गिरफ्तार हुआ था. तभी से वो असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. अमृतपाल पर कई केस दर्ज हैं.
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