नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति(us President) डोनाल्ड ट्रंप(donald trump) ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में दावा किया कि अमेरिका (America)अपनी नई टैरिफ नीति(New Tariff Policy) से इतना अधिक राजस्व कमा सकता है कि वह इनकम टैक्स की जरूरत को खत्म कर सकता है। उन्होंने 1800 के दशक के अंत का हवाला देते हुए कहा कि उस समय अमेरिका ने केवल टैरिफ के माध्यम से धन अर्जित किया और तब देश दुनिया का सबसे अमीर राष्ट्र था। उन्होंने कहा, “यह एक मौका है कि इतना पैसा आए कि वह इनकम टैक्स को रिप्लेस कर दे। 1870 से 1913 तक हमारे पास केवल टैरिफ से पैसा आता था। और तब हम दुनिया के सबसे अमीर देश थे।”
आपको बता दें कि इनकम टैक्स में कोई भी बदलाव केवल अमेरिकी कांग्रेस के माध्यम से ही किया जा सकता है, क्योंकि टैक्स नीति बनाने का अधिकार उसी के पास है। ट्रंप ने कहा कि वह टैरिफ से अर्जित धन का उपयोग करके टिप्स और सोशल सिक्योरिटी पर टैक्स हटाने और अपने अन्य चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
ट्रंप ने दावा किया कि 1880 के दशक में एक कमिटी बनाई गई थी जिसका काम यह तय करना था कि इस पैसे को कैसे खत्म करें, किसे दें, इसका क्या करें। उन्होंने कहा, “1913 में चतुराई से उन्होंने इनकम टैक्स सिस्टम लागू कर दिया। फिर 1931-32 में टैरिफ को वापस लाने की कोशिश की, लेकिन तब बहुत देर हो चुकी थी। लोग ग्रेट डिप्रेशन के लिए टैरिफ को दोष देते हैं, जबकि डिप्रेशन तो पहले आ चुका था।”
टैरिफ से रोजाना अरबों डॉलर की कमाई
राजस्व पर पूछे गए सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने उनके कार्यकाल के दौरान रोज़ाना दो से तीन अरब डॉलर तक की कमाई की थी। उन्होंने कहा, “हमने कभी इतना पैसा नहीं कमाया था। यह सैकड़ों अरब डॉलर सालाना की बात है।” ट्रंप ने कहा, “हाल ही में मैंने इसे थोड़ी देर के लिए रोका है, क्योंकि यह एक ट्रांजिशन है। आपको थोड़ी लचीलापन दिखानी होती है।”
बुधवार को ट्रंप ने कई देशों पर लगाए गए कस्टमाइज्ड टैरिफ्स पर 90 दिन की रोक लगा दी, जो कि उनके पहले के बयान से एक बड़ा यू-टर्न माना जा रहा है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि टैरिफ पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी, केवल बातचीत होगी। ट्रंप के इस बयान को अमेरिकी चुनावी राजनीति और वैश्विक व्यापार नीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जहां एक ओर यह उनकी अमेरिका फर्स्ट रणनीति को दर्शाता है, वहीं टैक्स प्रणाली को पूरी तरह टैरिफ से बदलने का विचार विवादास्पद और आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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