इंदौर। ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े जीतू पटवारी ने कभी सोचा नहीं था कि उन्हें जनता की सेवा का सौभाग्य मिलेगा। जीतू पटवारी का कहना है कि उनके इलाके के बड़े-बुजुर्ग और युवा ही मुझे राजनीति में लाए। मेरे शिक्षक भी वे ही हैं और मेरा परिवार भी वे ही हैं। गलती की तो कान भी पकड़ा और अच्छा काम किया तो आशीर्वाद भी मिला। इसी के चलते मैं निखरता गया और आज पूरा क्षेत्र ही मेरा घर है। मंत्री बना तो भी सुबह साइकिल पर घूमता था। क्षेत्र में रहता था तो शाम को किसी के भी घर में जाकर चौपाल लगा लेता और मैं रहूं या न रहूं मेरा कार्यालय दिनभर खुला रहता था। हर बार क्षेत्र की जनता ही तय करती है कि मैं उनकी सेवा करता हूं और इस बार भी जीतू पटवारी को विश्वास है कि उनकी जीत तय है। पटवारी का कहना है कि लोगों ने मंत्री बनने के बाद का स्वभाव भी देख लिया और मंत्री पद से हटने के बाद संघर्ष के मार्ग की भी साक्षी जनता रही है।
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विजय के विश्वास का क्या कारण है?
– लोगों की सबसे पहली अपेक्षा यह होती है कि उनका जनप्रतिनिधि उनके संपर्क में रहे। स्वभाव में सरल हो और उनकी समस्याओं को समझे। मैं जब मंत्री बना और इंदौर में रहा तब साइकिल पर ही मैंने पूरे क्षेत्र का दौरा किया। मैंने अफसरों को जनता के बीच बुलाया। मैंने कभी अपने आपको नेता नहीं माना, बल्कि जनता का सेवक बनकर रहा। इसी कारण आज अधिकार से मैं उनसे वोट मांग रहा हूं।
ठ्ठ क्षेत्र में विकास के कितने काम अधूरे पड़े हैं?
हमने विकास की कई योजनाएं बनाईं, लेकिन भाजपा ने सरकार गिराकर जनता के साथ विश्वासघात किया, जिसके चलते कई काम अधूरे पड़े हैं। अब हमारी सरकार बनने जा रही है। जितनी योजनाएं इस क्षेत्र के लिए बनाई गई थीं उन सब योजनाओं को पूरा किया जाएगा।
क्षेत्र में कौन सी समस्या प्रमुख है?
– यह क्षेत्र का सौभाग्य रहा कि आज हमारे गांव के सभी किसान समृद्ध हैं। उन्हें सम्मान चाहिए और विश्वास चाहिए कि उनके अधिकारों का हनन नहीं होगा। मैंने सरकार में रहकर यह समझ लिया कि कैसे किसानों का सम्मान और हक दिलाया जा सकता है। इसके अलावा क्षेत्र की छोटी-मोटी समस्याएं हमारी सरकार बनते ही दूर कर दी जाएंगी।
पिछले दस सालों में 23 सडक़ें बनवार्इं… 45 ब्रिज भी बनवाऊंगा…
जीतू पटवारी ने दावा किया कि मेरी विधानसभा बुधनी से भी ज्यादा विकसित है। पिछले दस सालों में यहां 23 नई सडक़ें बनी हैं, जिन्हें मैं पास करवाकर लाया हूं। मैं इस बात का दावा करता हूं कि शहर में 45 ब्रिज बनवाने वाला हूं। इनमें से 27 का काम चल रहा है। शिक्षा के मामले में हमारी विधानसभा में चार बड़ी यूनिवर्सिटी हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का बड़ा कैम्पस भी है। मैंने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए प्राइवेट यूनिवर्सिटी को भी मान्यता दी। हमारी विधानसभा में करीब 5 हजार बच्चे इन यूनिवर्सिटियों में नौकरी पर हैं। रोजगार के मामले में यह हमारी उपलब्धि है। हमारे इलाके के सरकारी स्कूल भी उन्नत हो चुके हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी की व्यवस्था के लिए मैं लगातार कई बरस से काम कर रहा हूं।
मैं किसान का बेटा हूं… पूरे प्रदेश के किसानों के हित की बात ही नहीं करूंगा, बल्कि मंजूर भी कराऊंगा
मैं किसान का बेेटा हूं और किसान की समस्या जानता हूं। उसका निराकरण मेरा पहला लक्ष्य रहेगा। हमारी सरकार के रहते हमने किसानों की छीनी हुई जमीन लौटाने का वादा किया था। हमारे पास भूमि अधिग्रहण को लेकर एक व्यवस्था रहेगी, जिसमें किसी भी किसान की मर्जी के बगैर उसकी जमीन नहीं ली जाएगी। इसके अलावा किसानों की फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए धान का समर्थन मूल्य 2600 रु. कराया जाएगा, वहीं गेहूं और सेयाबीन के लिए भी लागत और मुनाफे की मूल्य नीति निर्धारित की जाएगी। इसके अलावा किसानों के लिए 25 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कारया जाएगा।
कोर्ट से जीतने के बाद भाजपा की सरकार ने हड़पी किसानों की जमीन…
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि हमारे क्षेत्र के किसानों की जमीन 97 पार्ट 4 नाम की योजना से हड़प ली गई। भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा ने प्राधिकरण अध्यक्ष रहते हुए कुछ नहीं किया। क्षेत्र के किसान संघर्ष करते हुए हाईकोर्ट से केस जीत गए, लेकिन मधु वर्मा उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए। क्षेत्र के पांच हजार से ज्यादा किसान अपने हक की जमीन लुटने के कारण सदमे में हैं। अब वर्मा लोगों को कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट से क्या होता है, मैं आप लोगों की जमीन छुड़वा दूंगा। जब वर्मा के पास मौका था तो उन्होंने किसानों का ख्याल नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी स्कीम की जमीन पर ओम हाइट्स नाम की एक बिल्डिंग बनी है, जिसकी जमीन को मात्र 41 हजार रु. साल की लीज पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हम लोगों पर केस लगा दिए गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। तब किसानों के साथ हुई नाइंसाफी के साथ न्याय कराया जाएगा।
बिना चंदे के चुनाव लड़ रहा हूं मैं…
जीतू पटवारी ने दावा किया कि कई नेता बिल्डरों और बड़े उद्योगपतियों से चंदा मांगकर चुनाव लड़ते हैं। मैंने किसी से भी कोई चंदा नहीं लिया और किसी साथी ने मदद भी करना चाही तो मैंने कहा कि पैसा किसी और को दे दो, वोट मुझे देना।
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