भोपाल। गुना एवं जबलपुर जिले में पुलिस का ऐसा कृत्या सामने आया है, जिससे पुलिस की छवि पर दाग लगे हैं। गुना जिले में अजाक थाने में पदस्थ आरक्षक ने परमानंद शर्मा ने दबंगों से पीडि़त महिला को अत्याचार निवारण राशि में से घूस ली। जब महिला के साथ बदसलूकी की तो महिला का सब्र टूट गया और सड़क पर घसीटते हुए धुना और पुलिस को सौंपा। पुलिस ने मामला जांच में लिया, लेकिन केस दर्ज नहीं किया। इसी तरह जबलपुर के पनागर थाने में पदस्थ एसआई गोविंद तिवारी को एक कॉलोनी के लोगों ने महिला के घर से संदिग्ध हालत में पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले में भी पुलिस ने एसआई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। गुना में पीडि़त महिला को अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 1.50 लाख रुपए मिले थे। एजेके थाने में पदस्थ आरक्षक परमानंद शर्मा को यह राशि रिलीज कराने के नाम पर घूस चाहिए थी। आरक्षक पहले ही 40 हजार रुपए ले चुका था। 15 हजार रुपए और मांगने बैंक पहुंच गया। महिला ने कहा कि सिर्फ 5 हजार रुपए ही निकले हैं। बाकी बाद में दूंगी, इस पर आरक्षक महिला को गालियां देने लगा और कहा कि तुझे देख लूंगा। फिर महिला ने आरक्षक की गिरेबान पकड़ ली और उसे खींचकर सड़क पर ले आई। सड़क पर ही दोनों में तकरार होने लगी। पुलिस भी आई और आरक्षक को ले गई और महिला को भी एजेके थाने में बुलाया। यह मामला एसपी राजीव कुमार मिश्रा के संज्ञान में आया, तो उन्होंने आरक्षक को निलंबित कर दिया। अभी तक इस मामले में केस दर्ज नहीं किया गया है।
एसपी ने भी नहीं सुनी थी शिकायत
जबलपुर के पनागर थाने का एसआई गोविंद तिवारी प्रमोशन के 15 दिन बाद ही चौधरी मोहल्ले में एक महिला के घर से पकड़ा गया। कार में वर्दी उतारकर महिला के घर पहुंचा था। लोगों ने आपत्तिजनक हालत में पकड़ा तो छत से भागने लगा लेकिन, लोगों ने उसे दबोच लिया। वह उस समय पैंट भी नहीं पहन पाया था। उसकी टोपी महिला के घर में भी छूट गई। मोहल्ले वालों का आरोप है कि वहां आए दिन पुलिस और अन्य लोग आते हैं। वहां शराब पीकर हंगामा करते हैं। लोगों ने महिलाओं पर देह व्यापार में लिप्त होने का भी आरोप लगाया। इससे कई दिनों से लोग परेशान थे। मोहल्ले वालों ने पहले वरिष्ठ अफसरों को इसकी शिकायत की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जब एसआई पकड़ाया तो कोई कार्रवाई नहीं की।
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