शिमला। हिमाचल विधानसभा के मुख्य द्वार और दीवारों पर ‘खालिस्तान’ के झंडे बंधे पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को कहा कि सरकार विभिन्न राज्यों के साथ सीमाओं पर सुरक्षा की समीक्षा करेगी। कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक ने इस बात की संभावना जताई है कि घटना में “पंजाब के कुछ पर्यटकों” का हाथ है। सीएम ने इसी के बाद सीमा सुरक्षा की समीक्षा की बात कही है।
हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है जो भारत के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब के साथ अपनी सीमा साझा करता है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा, “मैं घटना की निंदा करता हूं। मैं राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम जल्द ही अन्य राज्यों के साथ अपनी सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और मैंने जांच के आदेश दिए हैं। एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है और हम दोषियों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।”
जयराम ठाकुर ने कहा कि दोषियों ने विधानसभा परिसर के भीतरी इलाकों में पुलिस की तैनाती का फायदा उठाकर दीवारों और गेट पर झंडे लगा दिए। उन्होंने कहा, “कहा जा रहा है कि घटना रात में हुई थी। विधानसभा परिसर के अंदरूनी हिस्सों में पुलिस तैनात हैं, क्योंकि यह बहुत बड़ा है। इसलिए पोस्टर को दीवार और विधानसभा के मुख्य द्वार पर लगाया गया। दोषियों के बारे में सुराग हासिल करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।”
इससे पहले रविवार सुबह धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार और चारदीवारी पर ‘खालिस्तान’ के झंडे बंधे मिले थे। घटना के सामने आने के तुरंत बाद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फाटकों और दीवारों से झंडे हटा दिए गए हैं। कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक खुशाल शर्मा ने कहा, “यह आज देर रात या सुबह-सुबह हुआ होगा। हमने विधानसभा गेट से खालिस्तान के झंडे हटा दिए हैं। यह पंजाब के कुछ पर्यटकों की हरकत हो सकती है।”
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