उज्जैन। महाकाल मंदिर में दर्शन के नाम से भारी भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद उज्जैन से लेकर भोपाल तक हड़कंप मचा हुआ है। धार्मिक स्थल पर धोखाधड़ी से मंदिर की छबि प्रभावित हुई हैं। वहीं मंदिर में भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारी का लेनदेन के मामले में कई प्रभावित लोगों से कनेक्शन भी सामने आने की चर्चा है हालांकि अधिकारी इस बारे में खुलकर कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
महाकाल मंदिर में दर्शन पूजन के लिए रुपए लेने के मामले में आने वाला दिनों में चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। दरअसल लाखों रुपए के लेनदेन का रिकॉर्ड उजागर होने के साथ ही कर्मचारियों के कई प्रभावित लोगों से कनेक्शन सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार जाँच में कई नाम सामने आए हैं, जिनका कर्मचारियों से लेनदेन में कनेक्शन हैं, लेकिन जांच का हवाला देकर फिलहाल कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि जाँच की प्रारंभिक रिपोर्ट कलेक्टर को मिल चुकी है जो शासन को भेजी जा रही है। इसके पूर्व सोमवार शाम को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने दोनों आरोपियों से करीब डेढ़ घंटे अलग-अलग पूछताछ की है। सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार दोनों कर्मचारियों ने लेन-देन में उनका किन-किन से कनेक्शन उसकी जानकारी अधिकारियों को दी है। वहीं आसपास के होटल संचालक सहित टूर प्लानर एजेंसी के नाम भी बताए हैं। इनमें कई प्रभावी लोग भी हैं ऐसे में अब जाँच को सतर्कता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। फिलहाल अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। बहरहाल मंदिर में श्रद्धालुओं से रुपये लेने के मामले गिरफ्तार दो कर्मचारियों के बैंक खातों के साथ ही अर्जित की गई संपत्ति पर सभी की नजर हैं। गेंद अब मंदिर प्रबंध समिति के पाले में हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि मंदिर प्रबंध समिति जांच में पुलिस को कितना सहयोग करती हैं और कितने पुख्ता तथ्य, दस्तावेज, प्रमाण उपलब्ध कराती हैं। मामूली वेतन पर मंदिर में काम करने वाले कर्मचारियों के बैंक खातों और ऑनलाइन गूगल पे व फोन पे से लेनदेन के अलग-अलग आंकड़ों का दावा किया जा रहा है, लेकिन अधिकृत राशि तो जांच रिपोर्ट में ही सामने आने वाली है। देखते हैं जांच में धोखाधड़ी का आंकड़ा कितना सामने आने वाला हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved