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    आबकारी मंत्री Jagdish Deora के चुनाव क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से लोग मरे

    July 26, 2021

    • आनन-फानन में प्रशासन ने तोड़ी दुकान, आबकारी अफसर निलंबित

    भोपाल। प्रदेश में उज्जैन (Ujjain), मुरैना जिले (Morena District) में जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद भी जहरीली शराब का कारोबार थम नहीं रहा है। अब राज्य के आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा (Excise Minister Jagdish Deora) के चुनाव क्षेत्र मंदसौर जिले के विधानसभा क्षेत्र में ही जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हैं। घटना के बाद कलेक्टर-एसपी (Collector-SP) ने खुद पर गाज गिरने से बचने के लिए आनन-फानन में थाना स्टाफ एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी नरेन्द्र डाबर को निलंबित कर दिया है। उज्जैन एवं मुरैना के शराब कांड के बाद मौन रहने वाले आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा (Excise Minister Jagdish Deora) को देर रात बयान जारी करना पड़ा कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
    मंदसौर जिले के पिपलियामंडी थानांतर्गत ग्राम खंखराई में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई है, वहीं दो लोगों का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। एक व्यक्ति की मौत शनिवार रात में हुई थी, वहीं दो की रविवार दोपहर बाद हुई है। आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा का विधानसभा क्षेत्र होने से कांग्रेस भी आक्रामक हो गई। देवड़ा ने भी तत्काल ट्वीट कर पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है। एसपी सिद्धार्थ चौधरी भी तत्काल गांव में पहुंचे। अब कलेक्टर मनोज पुष्प ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जिस जगह शराब बेची जा रही थी उसे भी ध्वस्त कर दिया गया। मंदसौर एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने पिपलियामंडी थाना प्रभारी शिव कुमार यादव, बीट प्रभारी रामलाल दरिंग को लाइन अटैच कर दिया है। इसके साथ ही ओपी तंतवार को पिपलियामंडी का नया थाना प्रभारी बनाया गया है। उज्जैन संभागायुक्त संदीप यादव भी मंदसौर पहुंचने वाले है।

    वित्त मंत्री के क्षेत्र में जहरीली शराब का बोलबाला, तीन की अकाल मौत
    कांग्रेस नेता परशुराम सिसौदिया ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा सरकार में शराब माफियाओं का बोलबाला है। क्षेत्र में जहरीली शराब से तीन लोगों की मौत होना दुखद घटना है। पुलिस व आबकारी विभाग पर माफिया हावी है। आबकारी मंत्री के क्षेत्र की यह हालत है तो पूरे प्रदेश की हालत क्या होगी। इस घटना की न्यायिक जांच कर पीडि़त परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाना चाहिए।

    कलेक्टर-एसपी पर गिरती है गाज
    पिछले साल 15 अक्टूबर को उज्जैन में जहरीली शराब से 14 से ज्यादा लेागों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने कलेक्टर एवं एसपी को हटा दिया था। साथ ही अन्य अधिकारियों पर गाज गिरी थी। एसआईटी जांच में जहरीली शराब कांड में पुलिस एवं आबकारी की मिलीभगत सामने आई थी। इस घटना के तीन महीने बाद 12 जनवरी 2021 में मुरैना में जहरीली शराब से 24 से ज्यादा लोगों की मौत हेा गई थी। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने कलेक्टर एवं एसपी को हटा दिया था। साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि अवैध शराब के लिए कलेक्टर और एसपी जिम्मेदार होंगे। मंदसौर में भी जहरीली शराब से तीन लेागों की मौत हो गई है। जबकि अन्य घायल हैं। यदि मुख्यमंत्री की घोषणा का पालन किया जाता है तो फिर कलेक्टर एवं एसपी पर गाज गिरना तय है।

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