नई दिल्ली (New Delhi) । आगामी 1 फरवरी को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) अंतरिम बजट (budget) पेश करेंगी तो इस पर हर वर्ग के लोगों की नजर होगी। चूंकि अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) होने वाले हैं तो ऐसे में बजट पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। अलग-अलग क्षेत्र के एक्सपर्ट अनुमान लगा रहे हैं कि सरकार इस बजट में इंफ्रा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस करेगी।
इंफ्रा डेवलपमेंट पर फोकस
एयूएम कैपिटल में वेल्थ के नेशनल हेड मुकेश कोचर ने कहा-हम उम्मीद करते हैं कि इंफ्रा डेवलपमेंट पर फोकस के साथ ‘मेक इन इंडिया’ केंद्रित सरकारी नीतियां आगे भी जारी रहेंगी। रेलवे और रक्षा के लिए आवंटन बहुत अधिक होने की उम्मीद है और बाजार इस पर बहुत उत्सुकता से नजर रखेगा। चूंकि यह चुनाव पूर्व बजट है हम किसानों और ग्रामीण आबादी पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के बारे में कुछ घोषणाओं की उम्मीद कर सकते हैं।
मुकेश कोचर ने कहा कि रिन्यूएबल के बारे में कोई नई घोषणा संभव है। कुछ पीएलआई योजना की भी उम्मीद है क्योंकि सरकार मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कुल मिलाकर हम बजट को लेकर बहुत सकारात्मक हैं।
राजकोषीय घाटे को कम करने पर फोकस
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक गुरुमीत सिंह चावला ने कहा कि चुनाव से पहले के इस बजट से उम्मीदें ज्यादा हैं। सरकार कल्याणकारी खर्च बढ़ाएगी और संभावित रूप से वित्त वर्ष 2026 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5% तक कम करने का लक्ष्य रखेगी। कृषि और ग्रामीण क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कर राहत उपाय समेत अन्य घोषणाएं हो सकती हैं। वैश्विक विकास संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए पूंजीगत व्यय पर सरकारी खर्च बढ़ने की उम्मीद है। ग्रीन हाइड्रोजन, ईवी और ब्रॉडबैंड के विकास पर ध्यान केंद्रित रहन की भी उम्मीद है। गुरुमीत सिंह चावला को उम्मीद है कि सरकार खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के लिए लगभग $48 बिलियन आवंटित करने पर विचार कर सकती है।
एनर्जी सेक्टर पर जोर संभव
वहीं, स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुनील न्याति ने कहा कि सरकार का प्राथमिक जोर बढ़े हुए पूंजी निवेश और इंफ्रा डेवलपमेंट के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर रहेगा। ऐसा लगता है कि मैन्युफैक्चरिंग और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे क्षेत्रों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा। सुनील न्याति ने आगे कहा कि आगामी आम चुनाव से पहले हम वेतनभोगी वर्गों और ग्रामीण आबादी को लाभ पहुंचाने वाली घोषणाओं की उम्मीद कर सकते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार ऐसी नीतियों को लागू करने से परहेज करेगी जो पॉजिटिव मार्केट सेंटिमेंट को बाधित कर सकती हैं।
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