नई दिल्ली। बैंकों की जमा योजनाओं (Deposit schemes of banks) की जगह लोग अब म्यूचुअल फंड और शेयर खरीदने (Buying mutual funds and shares) में ज्यादा पैसा लगा रहे हैं। इसको लेकर आरबीआई (RBI) से लेकर वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) चिंता जता चुका है। चिंतित होना भी जायज है, क्योंकि आंकड़े बता रहे हैं कि लोग अपनी जमा पूंजी को बैंक की जगह अन्य विकल्पों में निवेश कर रहे हैं, जहां पर उन्हें अच्छा रिटर्न मिल रहा है। यही कारण है कि बीते वित्तीय वर्ष में रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (Real Estate Investment Trust) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट में लोगों ने जमकर निवेश किया है, लेकिन मौजूदा स्थिति को विशेषज्ञ बैंक और निवेशकों के लिहाज से सही नहीं मानते हैं।
वित्त मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) में 421 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही, लोगों ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट में भी अच्छी संख्या में पैसा लगाया है। जबकि, वित्तीय वर्ष 2022-23 में कोई निवेश नहीं हुआ था, लेकिन 2023-24 में करीब 5000 करोड़ रुपये रियल एस्टेट से जुड़े ट्रस्ट में आया है। इंफ्रास्ट्रक्टर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। यह दोनों ट्रस्ट सेबी के पास रजिस्टर्ड हैं, जिन्हें वर्ष 2014 में भारत के अंदर पैसा जुटाने की मंजूरी दी गई थी।
बैंकों के सामने पूंजी जुटाने की चुनौती
31 मार्च 2024 तक 24 इनविट्स रजिस्टर्ड थे, जिसमें से 19 सेबी के साथ पंजीकृत हुए थे। उससे पहले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 20 पंजीकृत हुए थे। इसी तरह से रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट में पांच लिस्ट हुए। उससे पहले वर्ष में इनकी संख्या चार रही थी। इसे पता चलता रहा है कि शेयर बाजार में पैसा लगाने के तमाम विकल्प पैदा हो रहे हैं, जिससे लोग उनमें पैसा लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में बैंकों के सामने पूंजी जुटाने की चुनौती है।
बैंक और निवेश दोनों के लिए खतरे की घंटी
बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञ अश्विनी राणा कहता है कि मौजूदा समय बैंक और निवेशकों के लिहाज से खतरे की घंटी है। अगर भविष्य में बाजार के अंदर बड़ी गिरावट आती है, तो निवेशकों का पैसा डूबेगा। इसमें काफी ऐसे लोग भी फंस सकते हैं, जिनकी जीवन भर की कमाई शेयर बाजार में लगी होगी। वहीं, अगर शेयर बाजार से अच्छा रिटर्न जारी रहता है तो इससे बैंकों के सामने पूंजी का संकट खड़ा होगा। इसलिए वित्त मंत्री ने भी बैंकों से आकर्षक स्कीम लगाने को कहा है, जिससे निवेशक और बैंक (दोनों ) के हितों सुरक्षित रहें।
विवादों में है निवेश के नए विकल्प
हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट के संबंध में कई कानून लागू किए हैं, जिनसे ब्लैकस्टोन को लाभ हुआ। इसलिए निवेश के इन विकल्पों के साथ विवाद भी जुड़ा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट या इनविट म्यूचुअल फंड की तरह होते हैं जो उन निवेशकों से पैसा इकट्ठा करते हैं जो राजमार्ग, सड़क, पाइपलाइन, गोदाम, बिजली संयंत्र आदि जैसी परिचालनात्मक इन्फ्रास्ट्रक्चर परिसंपत्तियों के मालिक हैं और उनका परिचालन करते हैं। वे नियमित आय (लाभांश के माध्यम से) और दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि प्रदान करते हैं।
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