नई दिल्ली । शेयर मार्केट (Stock market) और म्युचुअलफंड (mutual funds) के बढ़ते आकर्षण के बावजूद भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए लोगों का छोटी बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) पर भरोसा कायम है। आंकड़े बताते हैं कि लोग छोटी बजट में अच्छी संख्या में पैसा लगा रहे हैं। हालांकि, कुछ योजनाएं ऐसी हैं, जिनमें पैसा जमा करने की आदत में गिरावट आई है। वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 से पता चलता है कि लोग अपने और अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर ऐसी छोटी योजनाओं में निवेश कर रहे हैं।
केंद्र सरकार किसान विकास पत्र, पीपीएफ, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, पोस्ट ऑफिस बचत खाता और राष्ट्रीय बचत मासिक आय स्कीम जैसी 11 मुख्य छोटी बचत स्कीम चलाती है। इन स्कीम में अलग-अलग समय के लिए छोटी बचत में पैसा जमा किया जा सकता है। सरकार प्रति तिमाही इन स्कीम के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करती है। लोगों को स्कीम में पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार आयकर में छूट भी प्रदान करती है। जबकि, बीती कुछ तिमाही से बैंकों जमा योजनाओं में लोग कम पैसा लगा रहे हैं। इन जमा योजनाओं के प्रति लोगों की रुचि घटी है, क्योंकि वहां पर रिटर्न कम मिल रहा है। जबकि शेयर बाजार और प्रॉपर्टी में लोग अपनी जमा पूंजी लगाकर अधिक कमाई कर रहे हैं।
दिल्ली समेत तीन राज्यों में अधिक निवेश
आंकड़ों से पता चलता है कि छोटी बचत योजनाओं में दिल्ली, मध्य प्रदेश और केरल में अच्छी संख्या में पैसा जमा किया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक दिल्ली में सेवानिवृत्त लोगों की ज्यादा संख्या के कारण छोटी बचत योजनाओं में निवेश ज्यादा होता है। बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में इन तीनों राज्यों ने 15080.23 करोड़ रुपया जमा किया। जबकि, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 13675.74 करोड़ रुपया जमा किया गया था। यानी एक साल में इन राज्यों की तरफ से छोटी बचत में होने वाले जमा में 1404.49 करोड़ रुपया का इजाफा हुआ है।
छोटी बचत योजना में जमा पूंजी
वित्तीय वर्ष जमा धनराशि (करोड़ रुपये में)
2023-24 में 1432479.72
2022-23 में 1124909.00
सरकार नई योजना लाई और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीमा बढ़ाई
बीते वर्ष सरकार दो वर्ष की अवधि के लिए महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र लेकर आई। यह योजना 31 मार्च 2025 तक के लिए है।
सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में जमा की ऊपरी सीमा को बढ़ाकर 15 से 30 लाख रुपये कर दिया है।
राष्ट्रीय बचत मासिक आय खाता योजने के लिए अधिकतम जमा को 4.50 लाख रुपये से बढ़ाकर नौ लाख रुपये किया।
धीरे-धीरे कम हो जाएगा आकर्षण
बैंकिंग विशेषज्ञ अश्विनी राणा ने बताया कि छोटी बचत में निवेश बढ़ने के पीछे दो मुख्य कारण है। एक, आयकर में छूट और दूसरे, उन्हें एकमुश्त बड़ी धनराशि मिलना। न्यू टैक्स रिजीम में इस तरह का कोई लाभ नहीं है। इसलिए आने वाले वर्षों में धीरे-धीरे इसमें जमा होने वाली धनराशि में कमी आ सकती है। इसलिए सरकार को बैंकों की जमा के साथ इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए ब्याज दरों में इजाफा किया जाए और आयकर छूट को नई कर व्यवस्था में भी शामिल किया जाए।
बीते वर्ष किस पर कितना मिल ब्याज (दर प्रतिशत में)
बचत खाता 4.0
सुकन्या 8.0
पीपीएफ 7.1
एनएससी 5 वर्ष 7.7
किसान विकास पत्र 7.5
एससीएसएस 8.2
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