– मुख्यमंत्री ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे, कहा- ऊफन रही पुल-पुलियों को पार न करें
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता लोगों को बचाना (First priority is saving people) है। पानी उतरते ही हम क्षति का आकलन (damage assessment) करेंगे और प्रभावितों को हर संभव सहायता (all possible help) पहुंचाएंगे। पूरा आकलन करने के बाद युद्ध स्तर पर स्थितियों को ठीक करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों (flood prone areas) की जनता से अपील की कि अगर घर में पानी भरा है तो प्रशासन के कहने पर घर से बाहर निकलें, रुकने की जिद न करें। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पुल-पुलिया से निकलने की जिद नहीं करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वे करने के बाद शाम को स्टेट हैंगर पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 2-3 दिनों से ही भीषण बारिश हुई। मैंने अपने जीवन में भोपाल और आसपास के इलाकों में बेतवा, नर्मदा बेसिन में ऐसी बारिश नहीं देखी। भारी बारिश के कारण नदियाँ उफन गईं। बांधों के गेट खोलने पड़े। भीषण बाढ़ की स्थिति बन गई।
उन्होंने कहा कि आज ही मैं विदिशा, रायसेन, गुना, राजगढ़, सागर का छोटा हिस्सा जो बेतवा के किनारे आता है, उसका दौरा करके आ रहा हूँ। कई गाँव पानी में डूबे हुए हैं। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हमको बड़ी मश्क्कत करनी पड़ी। हमने पहले ही 4300 लोगों को दो दिन में सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है। साथ ही रेस्क्यू कर 2100 से अधिक लोगों को निकाला गया है। एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीमों के रेस्क्यू अभियान में मैं भी एक जगह शामिल हुआ। वोट से जाकर हम लोगों को निकाल कर ले आए। सेना ने हेलीकाप्टर से लोगों को रेस्क्यू किया है। रेस्क्यू आपरेशन अभी लगातार जारी है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि लोगों की जिंदगी न जाने पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों की जान बचाने में सफल रहे हैं, पहली प्राथमिकता लोगों के जीवन को बचाना है। खतरा पहले से भाँप कर दो दिन पूर्व ही रेस्क्यू आपरेशन चालू कर दिया था। कुछ जगह घर छोड़ने में जब तक पानी घर में नहीं घुसता तो स्वाभाविक रूप से मन यह करता है कि मैं अपना घर और सामान छोड़ कर कैसे जाऊँ। इसके कारण कुछ लोग घिर जाते हैं, उनको भी रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला।
उन्होंने कहा कि शासन ने जनता और संस्थाओं के सहयोग से बहुत बेहतर काम किया है। इससे हम हम जिंदगियाँ बचा पाए। अभी तो हमारी चिंता लोगों को निकाल कर लाने की है। इसलिए मैं स्वयं वोट से लोगों को निकालने गया, जिससे लोगों के मन में विश्वास पैदा हो सके हैं कि हमारा मुख्यमंत्री खुद मैदान में है और टीम भी पूरी ताकत से काम कर सके। अभी तत्काल भारी बारिश की संभावना नहीं है। एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। हम पूरी तरह से सतर्क हैं। लोगों की जिंदगी बचाना और सुरक्षा देना हमारी प्राथमिकता है, इसके लिए सारे उपाय हम करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नुकसान काफी हुआ है, फसलें तबाह हो गई हैं। मुझे पहली चिंता लोगों की जान की थी, अब लोगों के नुकसान के कारण जो दिक्कतें हुई हैं, उनको दूर करने में अपना ध्यान लगाऊँगा। इसमें पूरी टीम जुटेगी। उन्होंने बताया कि कुरवाई में भयानक स्थिति है, पानी बढ़ रहा है। कुरवाई और आसपास के गाँवों में पानी बढ़ रहा है। हम वहाँ भी लगातार नजर रखे हुए हैं। एनडीआरएफ की टीमें वहाँ भी पहुँच गई हैं।
चौहान ने कहा कि पहली प्राथमिकता लोगों को बचाना, पानी उतरते ही हम क्षति का आकलन करेंगे और फिर जनता को इस संकट से निकालने का प्रयास करेंगे। कई चीजें हैं सड़क, पुल-पुलिया, ट्रांसफार्मर, फिल्टर प्लांट जिन से पानी सप्लाई होता है। वे भी डूबे हुए हैं। पूरा आकलन करने के बाद युद्ध स्तर पर उसे ठीक करने की कोशिश करेंगे। भोपाल में भारी बारिश के कारण पेड़ गिरने से बिजली सप्लाई बाधित हुई थी, वह बहाल कर दी गई है।
अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित जिलों में पूरी सावधानी और सतर्कता बरती जाए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित जिलों में पूरी सावधानी और सतर्कता बरती जाए। बारिश फिलहाल बंद है, लेकिन सतर्कता बनी रहे। एनडीआरएफ, एसडीईआरएफ की टीमें तैनात रहें। जिला प्रशासन के अधिकारी समाज और जन-प्रतिनिधियों को साथ लेकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार देर रात अपने निवास पर अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स से वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कर्त्तव्यनिष्ठ टीम के रूप में बेहतर कार्य किया है। इसके लिए सबको बहुत- बहुत बधाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए सेना के 5 हैलीकॉप्टर तैनात रहेंगे। जहाँ भी जरूरत होगी, वहाँ हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जाएगा। मैं भी रेस्क्यू का जायजा लेने पहुँचूगा। सबको सुरक्षित निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित विदिशा, गुना, मुरैना, देवास, राजगढ़, मंदसौर, भिण्ड, ग्वालियर और श्योपुर जिलों के कलेक्टर से चर्चा कर बाढ़ की जानकारी ली।
विदिशा कलेक्टर ने बताया कि जिले के कुरवाई में बाढ़ की समस्या बनी हुई है। शहर में पानी भरा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सतर्क रहें। रेस्क्यू आपरेशन प्रभावित नहीं हो। सुबह फिर बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करूँगा। मुरैना कलेक्टर ने कहा कि कोटा बेराज के सभी 6 गेट खुले हुए हैं। अभी पानी और बढ़ने की संभावना है। राजगढ़ कलेक्टर ने बताया कि गाँव पानी से घिरे हुए हैं, स्थिति नियंत्रण में है।
गुना कलेक्टर ने कहा कि जिले में 8 टीमें सर्तक होकर कार्य कर रही हैं। मंदसौर कलेक्टर ने कहा कि शिवना नदी में जलस्तर बढ़ने से 15 परिवारों को स्कूल में शिफ्ट किया गया है। जिले में 300 से 400 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। श्योपुर कलेक्टर ने कहा कि जिले में पार्वती और चंबल नदियों का जल स्तर बढ़ा हुआ है। पूरी टीम अलर्ट है, खेतों और बसाहटों में पानी भरा हुआ है। अन्य कलेक्टरों ने स्थिति नियंत्रण में होने की जानकारी दी। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved