देश में एक मार्च से कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। वैक्सीनेशन के दौरान 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। हालांकि 45 साल से ऊपर के ऐसे लोगों को भी वैक्सीन की डोज दी जाएगी जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को उन बीमारियों की लिस्ट जारी की जिससे ग्रसित 45 से 59 साल के लोगों को कोरोना वैक्सीन दिए जा सकेंगे। हालांकि ऐसे ऐसे लोगों को बीमारी का मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाने पर वैक्सीन दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 बीमारियों को शामिल किया है जिससे बीमार लोगों (45 से 59 साल) को दूसरे चरण में वैक्सीन दिए जाएंगे। इनमें डायबिटीज (शुगर), हाइपरटेंशन, किडनी, लीवर, ल्यूकेमिया, एचआईवी ग्रसित, बोन मेरो फेलियर और हार्ट फेलियर समेत 20 गंभीर बीमारियों को शामिल किया गया है। इसमें कैंसर से पीड़ित लोग भी शामिल किए गए हैं।
कोरोना वैक्सीन की डोज लेने वाले लोगों को अपने साथ एक फोटो आईडी दस्तावेज ले जाना आवश्यक होगा। इनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी भी शामिल हैं। इसके अलावा 45 साल से 59 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन की खुराक लेने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के साक्ष्य भी दिखाने होंगे। यह रजिस्टर्ड डॉक्टर्स की तरफ से प्रमाणित होना चाहिए।
भारत में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी से हो चुकी है। वैक्सीनेशन के पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की डोज दी गई। अब एक मार्च से वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। सरकारी अस्पतालों में जहां कोरोना वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी तो वहीं प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन की कीमत 250 रुपये प्रति डोज रखी गई है। इसमें 100 रुपये सर्विस चार्ज भी शामिल है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ट्वीट कर बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में लगने वाले टीके के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत वैक्सीन का शुल्क अधिकतम 250 रुपये प्रति डोज तय किया गया है। जबकि सभी सरकारी अस्पतालों में टीका मुफ्त में लगेगा। आयुष्मान भारत- PMJAY के अधीन सूचीबद्ध करीब दस हजार अस्पताल और CGHS के अधीन 687 अस्पतालों को सेंटर बनाया गया है।
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